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सीएम योगी ने किया प्रदेश के 50.10 लाख गन्ना किसानों को अंशधारक प्रमाणपत्र वितरित

उत्तर प्रदेश:- मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सोमवार को लोकभवन में आयोजित कार्यक्रम में प्रदेश के 50.10 लाख गन्ना किसानों को अंशधारक प्रमाणपत्र ( शेयर सर्टिफिकेट) वितरित किया। इसके तहत प्रदेश के 40 जिलों की 168 सहकारी गन्ना विकास समितियों और 24 सहकारी चीनी मिल समितियों से आने वाले गन्ना किसानों को प्रमाणपत्र दिया गया। यह पहली बार है जब गन्ना किसानों को अंशधारक प्रमाण पत्र वितरित किया जा रहा है। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश की सहकारी चीनी मिलें जब लाभ में आएंगी तो किसानों को उसका बोनस भी दिया जाएगा।

उन्होंने घोषणा की कि किसानों को नए सत्र के शुभारंभ से पहले गन्ना के बकाये का शत प्रतिशत भुगतान कर दिया जाएगा। सरकार किसानों के लिए बड़ा कार्यक्रम शुरू करने जा रही है। अब किसानों को पराली नहीं जलानी पड़ेगी और बायोफ्यूल से जुड़ी इकाइयां उनके घर से पराली खरीद लेंगी। इससे सीएनजी बनेगा और डीजल पेट्रोल पर निर्भरता कम होगी। उन्होंने कहा कि सरकार लगातार किसानों के साथ खड़ी है। उत्तराखंड का बजट 61000 करोड़ है लेकिन हमने 177000 करोड रुपए का किसानों को गन्ना भुगतान किया। सरकार अब विविधीकरण व  प्राकृतिक खेती पर काम कर रही है। उन्होंने कहा कि लोगों को सस्ता ईंधन मिले यही हमारी मंशा है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि किसान हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता में हैं। पहले की सरकारें अनिर्णय की शिकार थीं और जो भी निर्णय लिए जाते थे वो उनके अपने हितों वाले होते थे। किसानों का हित उसमें शामिल नहीं था। हम लगातार किसानों के लिए काम कर रहे हैं। किसानों की खुशहाली हमारी लक्ष्य है। किसानों के लिए हर तरह की सुविधा देने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने गन्ना के बकाया भुगतान पर कहा कि हमारी कोशिश है कि नया सत्र प्रारंभ होने से पहले भुगतान कर दिया जाए।

उन्होंने कहा कि हम गन्ना किसानों के लिए नई तकनीक अपनाने की तरफ अग्रसर हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमने अब तक 1.77 हजार करोड़ रुपये गन्ना किसानों का भुगतान किया। किसानों का हक कोई न मार सके इसलिए ई-पर्ची व्यवस्था का प्रयोग किया जा रहा है। हमारी सरकार ने गन्ना माफियाओं की कमर तोड़ दी है।

मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि हम गन्ने की खेती को बेहतर करने के लिए काम कर रहे हैं। किसानों को अच्छे बीच उपलब्ध करवा रहे हैं। किसानों को भी तकनीक का इस्तेमाल करना चाहिए। हमारी कोशिश है कि समय से किसानों को भुगतान हो। उन्हें उन्नत बीज मिलें और उनकी फसल पर उन्हें लाभ मिले।

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