अन्य राज्यखेलराष्ट्रीय

हादसे में एक हाथ कटने के बावजूद पैरा एथलीट निषाद कुमार ने ऊंची कूद प्रतियोगिता में इतिहास रच दिया

हिमाचल प्रदेश:- हादसे में एक हाथ कटने के बावजूद पैरा एथलीट निषाद कुमार ने हौसला नहीं हारा और ऊंची कूद प्रतियोगिता में इतिहास रच दिया। परिजनों का साथ और निषाद की मेहनत की नतीजा है कि टोक्यो पैरालंपिक में ऊंची कूद में रजत पदक जीता। गरीब किसान के बेटे ने एक हाथ से किस्मत की लकीरें बदल डालीं। हिमाचल प्रदेश के ऊना के उपमंडल अंब के बदाऊं के रहने वाले निषाद ने बचपन के एक हादसे के बाद टूटकर बिखरने के बजाए कस्बे के सरकारी स्कूल से शुरू हुए अपने खेलों के सफर को ओलंपिक के विक्ट्री पोडियम तक पहुंचा दिया। छह वर्ष की आयु में निषाद कुमार का हाथ चारा काटने वाली मशीन में आया गया और उसकी दाहिनी कलाई कटकर अलग हो गई।

इकलौता बेटा होने के कारण परिवार के लिए किसी सदमे से कम नहीं था, लेकिन निषाद ने अपने साथ हुए हादसे को ही मुकद्दर नहीं मान लिया। अपना ध्यान खेलों की तरफ केंद्रित किया। गरीबी के बावजूद खेलों में उच्च स्तरीय प्रशिक्षण के लिए जमा दो कक्षा की पढ़ाई के बाद वे पंचकूला के ताऊ देवी लाल स्टेडियम में पहुंच गए। यहां कोच नसीम अहमद ने उसकी प्रतिभा को पहचाना। पिता ने खेतों में सब्जियां उगाकर बेचीं और माता ने दूध बेचा। जिससे वह बेटे के प्रशिक्षण में खर्च के लिए सहयोग दे पाएं। निषाद ने भी माता-पिता को निराश नहीं किया। टोक्यो पैरालंपिक में रजत पदक जीतने के साथ ही इनामों की बरसात ने आज निषाद को करोड़पति बना दिया है। निषाद का कहना है कि मेहनत के बूते हर कोई मुकाम हासिल कर सकता है। सफलता को कोई शॉर्टकट नहीं है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *