राष्ट्रीय

संयुक्त किसान मोर्चा ने केंद्र और राज्य सरकार पर विश्वासघात करने का आरोप लगाया

काशीपुर: संयुक्त किसान मोर्चा ने केंद्र और राज्य सरकार पर विश्वासघात करने का आरोप लगाया है। किसानों ने राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन एसडीएम को सौंपकर आंदोलन के दौरान किसानों पर दर्ज मुकदमें वापस लेने और अन्य समझौते की शर्तों को पूरा करने की मांग की। सोमवार को भाकियू युवा के प्रदेश अध्यक्ष जितेंद्र सिंह जीतू की अगुवाई में किसानों ने विश्वासघात दिवस मनाया। साथ ही राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन एसडीएम अभय प्रताप सिंह को सौंपा।

किसानों ने केंद्र सरकार के किसान विरोधी कानून को रद्द करने, न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी हासिल करने व अन्य किसान विरोधी नीतियों के खिलाफ आंदोलन चलाया था। आंदोलन के चलते तीन किसान विरोधी कानूनों को रद्द किया गया। नौ दिसंबर 2021 को कुछ मुद्दों पर सरकार द्वारा आश्वासन देकर आंदोलन वापस लेने का आग्रह किया। इस पर भरोसा कर किसानों ने 11 दिसंबर को आंदोलन समाप्त करने का निर्णय लिया। सरकार ने दिये गये आश्वासनों पर कोई कार्रवाई नहीं की। उन्होंने आंदोलन के दौरान किसानों पर दर्ज मुकदमे वापस लेने और अन्य समझौतों का पालन करने की मांग की।

किसानों ने मनाया विश्वासघात दिवस

बता दें की संयुक्त किसान मोर्चा से जुड़े किसानों ने 31 जनवरी को विश्वासघात दिवस मनाया। किसानों ने केंद्र सरकार पर वादा खिलाफी का आरोप लगाते हुए नारेबाजी की। साथ ही एसडीएम के माध्यम राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजकर किसानों के साथ किये वादों को पूरा करने के लिये केंद्र पर दबाव डालने की मांग की। सोमवार को भाकियू प्रदेश अध्यक्ष कर्म सिंह पड्डा की अगुवाई में बड़ी संख्या में किसान एसडीएम कोर्ट में एकत्रित हुए। लोगों ने केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर सरकार पर किसानों के साथ विश्वासघात करने का आरोप लगाया।

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