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पिथौरागढ़ के जिला अस्पताल में इलाज के अभाव में एक बच्चे ने अपने पिता की गोद में तोड़ा दम

पिथौरागढ़:- उत्तराखंड के पिथौरागढ़ का एक हृदय विदारक वीडियाे वायरल हो रहा है। यह वीडियो पूरे सूबे की स्वास्थ्य व्यवस्था पर सवाल उठा रहा है। वीडियो में दिख रहा है कि एक बच्चे को लेकर उसका पिता जिला अस्पताल में इलाज कराने पहुंचा है। लेकिन उपचार न मिल पाने के कारण गोद में ही बच्चे की मौत हो गई है। घटना का वीडियाेे इंटरनेट मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। खराब स्वास्थ्य व्यवस्थाओं के कारण चर्चा में रहने वाले उत्तराखंड का एक हृदयविदारक वीडियो वायरल हो रहा है। वायरल वीडियाे पिथौरागढ़ के जिला अस्पताल का है, जिसमें दिख रहा है कि एक बच्चे की मौत इलाज के अभाव में पिता की गोद में हो गई। वायरल वीडियो बीते शनिवार का पिथौरागढ़ के बीडी पांडे जिला अस्पताल का बताया जा रहा है। वीडियो बनाने वाला अस्पताल की स्वास्थ्य व्यवस्था पर सवाल खड़े करते हुए सुनाई दे रहा है। जिसमें बताया जा रहा है कि पिता गंभीर रूप से बीमार बच्चे को लेकर पिता पहले इमरजेंसी वार्ड में गया।

लेकिन इमरजेंसी में देखने की बजाए उसे ओपीडी में भेज दिया गया है। इस दौरान बच्चे की मौत हो गई। वीडियो में अस्पताल परिसर में पिता कपड़े में लिपटे बेटे का शव गोद में लेकर बैठ कर रो रहा है। वीडियो में ही बाद में बच्चे को लेकर जाते हुए परिजन भी नजर आ रहे हैं।

वायरल वीडियो के संबंध में जब अस्पताल प्रशासन से बात की गई तो उनका कहना है कि बच्चे के उपचार में किसी तरह की लापरवाही नहीं बरती गई। इमरजेंसी में चेकअप के बाद जांच की गई, बच्चा रक्त संबंधी बीमारी से ग्रसित था। बीमारी से ही बच्चे की मौत हुई है। अस्पताल की व्यवस्था पर उठाए जा रहे सवाल बेबुनियाद हैं।

वीडियो में अस्पताल परिसर में मौजूद लोगों से पूछने पर उन्होंने बताया कि अस्पताल में एक बच्चे की मौत हुई थी। मृतक के स्वजन रो रहे थे। वहीं वीडियो में बताया जा रहा है कि लाइन में लगने के दौरान ही बच्चे की मौत हो गई। अस्पातल में इलाज के अभाव में बच्चे की मौत से पूरी स्वास्थ्य व्यवस्था सवाल उठ रहा है।

मुख्य चिकित्साधीक्षक डॉ जेएस नबियाल का कहना है कि बच्चे के उपचार में किसी तरह की लापरवाही नहीं बरती गई। इमरजेंसी में जांच कराई गई। रक्त संबंधी बीमारी से बच्चे की मौत हुई है। इधर इंटरने मीडिया पर वीडियो को लेकर जमकर कमेंट्स किए जा रहे हैं। चिकित्सा व्यवस्था पर सवाल उठाए जा रहे हैं और अस्पताल में पहुंचने पर भी जान नहीं बचने को लेकर व्यवस्था को कोसा जा रहा है।

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