उत्तराखंड

गर्भवती महिला कर्मचारी के पेट पर महिला पुलिसकर्मी ने पैर रख दिया जिस कारण उसकी हालत खराब

देहरादून: कोरोना काल में आउटसोर्सिंग के माध्यम से नौकरी पर रखे गए और अब हटा दिए गए स्वास्थ्य कर्मियों ने सेवा विस्तार की मांग को लेकर सोमवार को मुख्यमंत्री आवास की ओर कूच कर रहे गर्भवती महिला कर्मचारी के पेट पर महिला पुलिसकर्मी ने पैर रख दिया जिस कारण उसकी हालत खराब हो गयी।

बताते चलें कि कोरोना काल में आउटसोर्सिंग के माध्यम से नौकरी पर रखे गए और अब हटा दिए गए स्वास्थ्य कर्मियों ने सेवा विस्तार की मांग को लेकर सोमवार को मुख्यमंत्री आवास की ओर कूच किया तो इस दौरान पुलिस प्रशासन ने मुख्यमंत्री आवास से काफी पहले हाथीबड़कला गेट के सामने बैरिकेडिंग लगाकर कर्मचारियों को रोक लिया। विरोध में कर्मचारी वहीं धरने पर बैठ गए। इस दौरान दोनों तरफ से जाम लग गया। पुलिस प्रशासन ने कोरोना योद्धाओं को जबरन उठाने का प्रयास किया। इस दौरान कोरोना योद्धायों ने इसका विरोध किया तो पुलिस और कर्मचारियों में हाथापाई, धक्का-मुक्की और तीखी नोकझोंक हो गई। पुलिस ने लगभग 100 से अधिक आउटसोर्स कर्मचारियों को पीएससी के ट्रकों में भरकर पुलिस लाइन के लिए रवाना किया। इसी धक्का-मुक्की में एक आउट सोर्स गर्भवती महिला कर्मचारी, एक और अन्य महिला कर्मचारी चोटिल हो गई। कर्मचारियों का आरोप है कि गर्भवती महिला कर्मचारी के पेट पर महिला पुलिसकर्मी ने पैर रख दिया। जिससे उसकी तबीयत खराब हो गई। वह लगातार उल्टियां कर रही है। साथी कर्मचारियों द्वारा गर्भवती महिला को उपचार के लिए राजकीय दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल की इमरजेंसी में ले जाया गया। जहां डाक्टरों ने उन्हें भर्ती करने से मना कर दिया।

आउटसोर्स कर्मचारियों का कहना है कि जिस अस्पताल में उन्होंने कोरोना मरीजों की सेवा की उसी अस्पताल में उनकी एक साथी गर्भवती महिला की हालत बिगड़ने पर उसे भर्ती नहीं किया जा रहा है। अब उसे राजकीय जिला अस्पताल कोरोनेशन रेफर कर दिया गया है। इस बीच दूसरी घायल महिला कर्मचारी को भी कोरोनेशन अस्पताल ले जाया जा रहा है। कर्मचारियों में सरकार और शासन-प्रशासन व पुलिस के खिलाफ आक्रोश व्याप्त है।

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