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अंकिता हत्याकांड के बाद निशाने पर है उत्तराखंड की राजस्व पुलिस व्यवस्था विधान सभा अध्यक्ष रितु खंडूरी ने मुख्यमंत्री से की इस व्यवस्था को समाप्त करने की मांग

देहरादून:- ब्रिटिश काल के समय से चली आ रही राजस्व पुलिस व्यवस्था को उत्तराखंड में अब समाप्त किया जा सकता है। मौजूदा परिस्थितियों में राजस्व पुलिस की कोई जरूरत अब महसूस नहीं हो रही है। अंकिता हत्याकांड के बाद तो राजस्व पुलिस को पूरी तरह से समाप्त करने की मांग भी उत्तराखंड के कोने-कोने से उठने लगी है जिसे लेकर विधानसभा स्पीकर रितु खंडूरी ने भी मुख्यमंत्री को इस संबंध में पत्र लिखा है।

अंकिता हत्याकांड में राजस्व पुलिस द्वारा इसकी जांच की गई थी लेकिन जांच पूरी तरह से विवादों के घेरे में रही और 4 दिन तक अंकिता का कुछ पता नहीं लगा पूर्णविराम उधर जांच बाद में रेगुलर पुलिस को सौंपी गई तो चंद घंटों में अंकिता के हत्या की पुष्टि हो गई। इस प्रकरण के बाद राजस्व पुलिस सबके निशाने पर है और इसे पूरी तरह से उत्तराखंड में समाप्त करने की मांग जोर पकड़ने लगी है।

विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि प्रदेश में जहाँ कहीं भी राजस्व पुलिस की व्यवस्था चली आ रही है, को तत्काल समाप्त कर सामान्य पुलिस बल के थाने / चौकी स्थापित करने हेतु मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को पत्र लिखकर शीघ्र इस विषय पर आदेश जारी करने का आग्रह किया|

विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि प्रदेश में आज भी कई क्षेत्रों में राजस्व पुलिस व्यवस्था जारी है| आज के आधुनिक युग में जहाँ सामान्य पुलिस विभाग में पूरे देश में एक राज्य से दूसरे राज्य में पीड़ित जीरो एफ0आई0आर0 दर्ज कराकर अपनी शिकायत पंजीकृत करा सकता है। वहीं ऋषिकेश शहर से मात्र 15 कि०मी० की दूरी पर राजस्व पुलिस जिसके पास पुलिस के आधुनिक हथियार तथा जॉच हेतु किसी भी प्रकार का प्रशिक्षण प्राप्त नहीं है, वे जॉच कर रहे है। यह जानकर अत्यन्त ही पीड़ा होती है।

विधानसभा अध्यक्ष ने अपने पत्र में लिखा कि गंगा भोगपुर में यदि सामान्य पुलिस बल कार्य कर रहा होता तो निश्चित रूप से प्रदेश की बेटी अंकिता आज हमारे मध्य होती और आम जनता में सरकारी कार्यप्रणाली के प्रति इतना रोष व्याप्त नहीं होता। विधानसभा अध्यक्ष ने तत्काल प्रभाव में राजस्व पुलिस की व्यवस्था को समाप्त कर पुलिस चौकी एवं थाना स्थापित करने का मुख्यमंत्री से आग्रह किया, जिससे भविष्य में इस प्रकार की अप्रिय घटना दुबारा घटित न हो|

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