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एयर इंडिया फिर टाटा संस की झोली में आ गिरी

नई दिल्‍ली: Airline अब नमक से लेकर सॉफ्टवेयर बनाने वाले टाटा समूह के पास वापस चली गई। टाटा समूह ने अक्टूबर, 1932 में टाटा एयरलाइंस के नाम से एयर इंडिया का गठन किया था। इसके बाद सरकार ने 1953 में एयरलाइन का राष्ट्रीयकरण (Nationalisation of Air India) कर दिया। Air India फिर Tata Sons की झोली में आ गिरी है। इससे टाटा Air India को 67 साल बाद ग्रुप में जोड़ने में कामयाब रहा है। Dipam सचिव की मानें तो मंत्री समूह ने Air India के विनिवेश प्रक्रिया में Tata Sons की बोली को स्‍वीकार कर लिया है।

Dipam सचिव तुहिन कांत पांडे ने कहा कि Tata Sons ने एंटरप्राइज वैल्‍यू 18000 करोड़ रुपए लगाई थी। इस बिड में दो बोली लगाने वाले ग्रुप ने हिस्‍सा लिया था। 5 बिडर्स को अयोग्‍य घोषित कर दिया गया क्‍योंकि उनकी बोली वे निर्धारित मानदंड से मेल नहीं खा रही थी।

Dipam सचिव ने बताया कि टाटा सन्‍स की इकाई Talace Pvt Ltd ने 18 हजार करोड़ रुपए में यह बोली जीती है। यह डील दिसंबर 2021 तक पूरी होने की संभावना है। इस बिड को पास करने के लिए गृह मंत्री अमित शाह की अध्‍यक्षता में मंत्रियों का पैनल बना था। इसमें दो बिडर के बीच कड़ा मुकाबला था।

स्पाइसजेट(Spicejet) ने भी लगाई थी बोली: बता दें कि टाटा सन्‍स और उद्योगपति अजय सिंह ने अपनी व्यक्तिगत क्षमता में Air India के लिए वित्तीय बोलियां जमा की थीं। स्पाइसजेट के प्रवर्तक सिंह ने कुछ अन्य संस्थाओं के साथ मिलकर एयरलाइन के लिए एक संयुक्त बोली लगाई थी।

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