अंकिता हत्याकांड: प्रदेश में राजस्व पुलिस की सार्थकता पर सवाल, राजस्व पुलिस ने गंभीरता से नहीं लिया प्रकरण
पौड़ी गढ़वाल:- पौड़ी जनपद के श्रीकोर्ट निवासी 19 वर्षीय अंकिता भंडारी हत्याकांड के मामले में राजस्व पुलिस की भूमिका पूरी तरह से विवादों के घेरे में है। हालांकि इस हत्याकांड के मुख्य आरोपी अनंतारा रिजॉर्ट के मालिक पुलकित समेत तीन लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है लेकिन इस पूरी घटना ने अपने पीछे राजस्व पुलिस की सार्थकता और कार्य करने के तरीके पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। स्थानीय लोगों ने भी इस प्रकरण में पटवारी की भूमिका को लेकर नाराजगी जताई है और कार्रवाई की मांग की है।
उत्तराखंड के एक शांत जनपद पौड़ी गढ़वाल के श्रीनगर की रहने वाली अंकिता भंडारी वंतरा रिजॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट का काम करती थी। अट्ठारह सितंबर को वह संदिग्ध परिस्थितियों में गायब हो गई तो परिजनों ने इस संबंध में राजस्व पुलिस को सूचना दी। यहां लड़की के गायब होने के साथ ही पूरे मामले में लीपापोती करने का काम भी शुरू हो गया.
18 सितंबर से 22 सितंबर तक कछुआ गति से अंकिता भंडारी की खोजबीन चलती रही, लेकिन मामला जब नहीं सुलझा तो एफआईआर राजस्व पुलिस से लक्ष्मण झूला थाना को स्थानांतरित कर दी गई। एफ आई आर स्थानांतरित होने के चंद घंटों में ही लक्ष्मण झूला पुलिस ने वअंतरा रिसोर्ट के मालिक पुलकित आर्य, प्रबंधक सौरभ भास्कर और सहायक प्रबंधक अंकित गुप्ता समेत तीन लोगों को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में अंकिता भंडारी की हत्या करना सामने आ गया और यह भी पता लगा कि हत्या के बाद शव को चीला नहर में फेंक दिया गया। अंकिता भंडारी का शव तलाश करने के लिए अब जिलाधिकारी पौड़ी की पहल पर चीला नहर को बंद करने की प्रक्रिया शुरू की जा रही है जिसके बाद गोताखोर शव बरामद करने की कोशिश करेंगे।
इस पूरे प्रकरण के बाद अब राज्य सरकार की नजरें भी राजस्व पुलिस के कार्यशैली पर निश्चित तौर पर लगी होगी। अंकिता भंडारी हत्याकांड में यदि पटवारी द्वारा समय रहते तत्काल सख्ती से कार्रवाई की गई होती तो शायद अंकिता भंडारी जिंदा मिलने की संभावना हो सकती थी। 4 दिन तक पूरा मामला दिखावटी जांच के दौर में चलता रहा जिसका वीभत्स परिणाम अंकिता हत्याकांड के रूप में सामने आया है।