उत्तराखंड

बन रहा है एशिया का सबसे लंबा वाइल्‍ड लाइफ कॉरिडोर, ऊपर से कार तो नीचे से गुजरेंगे गजराज

देहरादून: दिल्‍ली-देहरादून एक्‍सप्रेसवे ( Delhi-Dehradun expressway) के निर्माण में न केवल वाहन चालकों की सुविधाओं का पूरा ख्‍याल रखा जा रहा है, साथ ही जंगली जानवरों को आवाजाही में कोई परेशानी न हो, इस पर भी पूरा ध्‍यान दिया जा रहा है। एक्‍सप्रेसवे पर एशिया का सबसे लंबा वाइल्‍ड लाइफ कॉरिडोर (Asia Longest Wildlife Corridor) बन रहा है। इस कॉरिडोर के बनने से जंगली जानवरों और इंसानों का आमना-सामना नहीं होगा। कॉरिडोर के ऊपर से जहां वाहन दौड़ेंगे वहीं नीचे से हाथी सहित अन्‍य जंगली जानवर आसानी से आ जा सकेंगे। हाथियों को कॉरिडोर के नीचे से निकलने में कोई दिक्‍कत न हो, इसके लिए स्‍पेशल तीन अंडरपास बनाए जा रहे हैं। कुल 6 अंडरपास बनाए जाएंगे।

नेशनल हाईवे अथारिटी ऑफ इंडिया (NHAI) के अधिकारियों के अनुसार यह कॉरिडोर उत्तराखंड में बन रहा है। राजाजी नेशनल पार्क के सटे इस कॉरिडोर की लंबाई 12 किमी होगी। एशिया के सबसे लंबा वाइल्‍ड लाइफ कॉरिडोर सिंगल पिलर पर छह लेन का होगा। सिंगल पिलर तकनीक इसलिए अपनाई जा रही है, क्‍योंकि जंगल में कम से कम कंक्रीट का इस्‍तेमाल हो। यह कॉरिडोर मोहंड से शुरू होगा और दातकाली मंदिर तक बनेगा। एनएचएआई वाइल्‍ड लाइफ इंस्‍टीट्यूट आफ इंडिया के सुझाव के आधार पर यह कॉरिडोर बना रहा है।

40 किलोमीटर घट जाएगी दिल्‍ली-देहरादून की दूरी

दिल्‍ली-देहरादून एक्‍सप्रेसवे की कुल लंबाई 210 किलोमीटर है। जबकि पुराने रूट से दिल्‍ली से देहरादून की दूरी 250 किलोमीटर है। इस एक्‍सप्रेसवे का निर्माण साल 2024 की शुरूआत में पूरा होने की संभावना है। इस एक्‍सप्रेस-वे पर अधिकतम रफ्तार 120 किलोमीटर प्रति घंटा होगी। दिल्‍ली देहरादून हाइवे का पहला सेक्‍शन अक्षरधाम और कुंडली पलवल एक्‍सप्रेसवे को जोड़ेगा। दूसरे सेक्‍शन में EPE जंक्‍शन को सहारनपुर से कनेक्‍ट किया जाएगा।

4 घंटे में दिल्‍ली से पहुंच जाएंगे मनाली

दिल्‍ली-देहरादून एक्‍सप्रेसवे के खुल जाने के बाद दिल्‍ली से मसूरी के बीच ट्रैवल टाइम घटकर महज 4 घंटे रह जाएगा। दिल्‍ली से देहरादून की दूरी 6 घंटे से घटकर करीब 2.5 घंटे तक आ जाएगी। इस रूट से दिल्‍ली-हरिद्वार (Delhi-Haridwar) के सफर में 2 घंटे कम लगेंगे। वहीं दिल्‍ली से ऋषिकेश 3 घंटे में पहुंचना संभव हो सकेगा। दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे का निर्माण लगभग 3 चरणों में किया जा रहा है। पहला चरण अक्षरधाम से प्रस्तावित ईपीई जंक्शन तक, दूसरा चरण दिल्ली के ईपीई और उत्तर प्रदेश के सहारनपुर के बीच और तीसरा चरण सहारनपुर और देहरादून के बीच होगा।

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