एम्स और दिल्ली के अन्य अस्पतालों के रेजिडेंट डॉक्टरों का बड़ा फैसला: स्वास्थ्य मंत्रालय के सामने सड़क पर देंगे मुफ्त ओपीडी सेवाएं
नई दिल्ली: एम्स और दिल्ली के अन्य सरकारी अस्पतालों के रेजिडेंट डॉक्टरों ने 19 अगस्त से स्वास्थ्य मंत्रालय के निर्माण भवन के सामने सड़क पर मुफ्त ओपीडी सेवाएं प्रदान करने का निर्णय लिया है। यह कदम रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन (आरडीए), एम्स द्वारा लिया गया है। एसोसिएशन ने स्पष्ट किया है कि जब तक उन्हें केंद्रीय सुरक्षा अधिनियम के तहत अस्पतालों में पर्याप्त सुरक्षा का आश्वासन नहीं मिलता, तब तक वे यह सेवा जारी रखेंगे।
रविवार को जारी एक प्रेस बयान में, आरडीए एम्स ने कहा, “रेजिडेंट डॉक्टर निर्माण भवन के बाहर मरीजों को लगभग 36 विशेषताओं (जैसे चिकित्सा, सर्जरी, प्रसूति एवं स्त्री रोग, बाल चिकित्सा, नेत्र विज्ञान, हड्डी रोग और अन्य) की वैकल्पिक ओपीडी सेवाएं प्रदान करेंगे। आपातकालीन सेवाएं हमारे अस्पतालों में पहले की तरह जारी रहेंगी।”
हड़ताल जारी रखने का सर्वसम्मति से निर्णय
यह निर्णय एक्शन कमेटी फॉर सेंट्रल प्रोटेक्शन एक्ट और आरडीए एम्स की आम सभा के साथ चर्चा के बाद लिया गया। सर्वसम्मति से हड़ताल जारी रखने का निर्णय हुआ, क्योंकि डॉक्टरों की मांगों पर अभी तक ध्यान नहीं दिया गया है। हड़ताल के दौरान शैक्षणिक गतिविधियां, वैकल्पिक ओपीडी, वार्ड सेवाएं और ओटी सेवाएं बंद रहेंगी, जबकि आपातकालीन सेवाएं, आईसीयू, और आपातकालीन प्रक्रियाएं जारी रहेंगी।
सुरक्षा के लिए याचिका
प्रेस रिलीज में कहा गया कि यह कदम देश के हित में और हिप्पोक्रेटिक शपथ के अनुसार रोगी देखभाल सेवाएं प्रदान करने के लिए उठाया गया है। इसका उद्देश्य देश भर में स्वास्थ्य पेशेवरों की सुरक्षा की कमी को उजागर करना है। डॉक्टरों ने सरकार से स्वास्थ्य कर्मियों और संस्थानों की सुरक्षा के लिए तत्काल केंद्रीय अध्यादेश लाने की याचिका की है। साथ ही, अधिकारियों से निर्माण भवन के बाहर वैकल्पिक आउट पेशेंट सेवाओं के लिए आवश्यक व्यवस्था प्रदान करने की भी मांग की गई है।
कोलकाता की घटना के बाद उत्पन्न संकट
9 अगस्त को कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में ड्यूटी के दौरान एक पीजी ट्रेनी डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या की घटना के बाद चिकित्सा समुदाय में भारी आक्रोश व्याप्त है। 14 अगस्त को आरजी कर अस्पताल परिसर में भीड़ ने तोड़फोड़ की, जिसके बाद से एम्स समेत दिल्ली के अन्य सरकारी अस्पतालों के रेजिडेंट डॉक्टरों ने ओपीडी सेवाएं बंद कर रखी हैं और केवल आपातकालीन मरीजों का इलाज कर रहे हैं।
एम्स दिल्ली की रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन ने घोषणा की है कि उनके 36 विभागों के डॉक्टर स्वास्थ्य मंत्रालय के सामने सड़क पर सुबह 11 बजे से ओपीडी सेवाएं देंगे। इसके लिए आवश्यक इंतजाम करने की भी प्रशासन से मांग की गई है।