राजौरी-अनंतनाग सीट पर बीजेपी गुज्जर उम्मीदवार पर दांव लगा सकती है
जम्मू-कश्मीर की नई सीट राजोरी-अनंतनाग को जीतने के लिए भाजपा गुज्जर उम्मीदवार पर दांव लगा सकती है। इसके लिए एक नौकरशाह का नाम चर्चा में हैं। बताते हैं कि नौकरशाह ने दिल्ली में केंद्रीय नेतृत्व से मुलाकात कर ली है। चुनाव लड़ने से पहले वह इस्तीफा भी दे सकते हैं।
भाजपा के रणनीतिकारों का मानना है कि जम्मू-संभाग के राजोरी व पुंछ जिले में आने वाली विधानसभा सीटों पर हिंदू के साथ-साथ पहाड़ी व गुज्जर मतदाता भी अच्छी तादाद में हैं। इन तीनों समुदाय के वोट से प्रत्याशी अच्छी स्थिति में पहुंच सकता है। उधर, कश्मीर की अनंतनाग, शोपियां व कुलगाम की 11 सीटों में मुस्लिम मतों के बिखराव तथा कम मतदान प्रतिशत से भाजपा प्रत्याशी की स्थिति अच्छी रह सकती है। रणनीतिकार मानते हैं कि यदि इंडिया ब्लॉक में नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां), कांग्रेस के साथ पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की सीट शेयरिंग पर बात नहीं बनी तो मुस्लिम वोट बंटेंगे, जो भाजपा के पक्ष में रहेगा।
हालांकि, 2019 के चुनाव में नेकां प्रत्याशी हसनैन मसूदी 40180 मत पाकर चुनाव जीते थे। दूसरे स्थान पर कांग्रेस के जीए मीर 33504 वोट हासिल कर रहे थे। पीडीपी प्रत्याशी महबूबा मुफ्ती को 30524 मत मिले थे। 2014 में पीडीपी प्रमुख दो लाख से अधिक वोट हासिल कर चुनाव में विजयी रही थीं। उन्होंने नेकां प्रत्याशी महबूब बेग (65417 वोट) को हराया था। चुनाव में 28.14 फीसदी मत पड़े थे। पिछले चुनाव में अनंतनाग सीट में दक्षिण कश्मीर का ही हिस्सा था। इसमें जम्मू संभाग का कोई भी जिला शामिल नहीं था।
भाजपा के रणनीतिकारों का मानना है कि अनुच्छेद 370 हटने के बाद स्थितियां बदली हैं। पहाड़ियों को एसटी आरक्षण का लाभ मिला है। इसके चलते गुज्जर समुदाय के आरक्षण पर किसी प्रकार का प्रभाव नहीं पड़ा है। हिंदू वोटर पहले से ही भाजपा के साथ हैं। अनंतनाग सीट पर दक्षिण कश्मीर के हिस्से कटे हैं। पार्टी के रणनीतिकार बदली हुई परिस्थितियों का लाभ उठाने के फेर में लगे हैं। पार्टी की निगाहें इंडिया गठबंधन की ओर से घोषित होने वाले प्रत्याशी पर है। माना जा रहा है कि भाजपा की ओर से भी शेष बची सीटों पर प्रत्याशियों की घोषणा जल्द कर दी जाएगी।
नेकां संसदीय बोर्ड की महत्वपूर्ण बैठक कल
नेशनल कॉन्फ्रेंस की संसदीय बोर्ड की बैठक पांच मार्च को श्रीनगर में होगी। सूत्रों के अनुसार, इस बैठक में पार्टी की ओर से श्रीनगर, बारामुला व अनंतनाग सीट पर प्रत्याशियों के नाम पर चर्चा की जाएगी। क्योंकि इन तीनों सीटों पर नेकां का फिलहाल कब्जा है। ऐसे में सीट शेयरिंग के लिए क्या फार्मूला अपनाया जाएगा, इस पर सबकी निगाहें टिकीं हैं। यह बैठक काफी अहम मानी जा रही है।