उत्तराखंडदेहरादून

एकजुट समाज की विचारधारा को लेकर चलते थे कामरेड नौटियाल

देहरादून:- कामरेड कमला राम नौटियाल प्रगतिशील मंच की ओर से आयोजित 9 वें स्मृति सम्मान में वक्ताओं ने कहा की कामरेड कमला राम नौटियाल आम आदमी की आवाज थे, हमे उनकी विचारधारा को आगे बढ़ाना चाहिये.

इस दौरान मंच की ओर से राजनैतिक, भाषा-बोली संरक्षण, कवि तथा उद्योग के क्षेत्र में उत्क्रिस्ट कार्य करने वालों को सम्मानित किया गया. मंगलवार को ऑफिसर्स ट्रांसिट हास्टल के प्रेक्षाग्रह में आयोजित समारोह का सुभारम्भ अनूप नौटियाल, राजीव नयन बहुगुणा, आर० पी० रतुरी, कामरेड गिरधर पंडित, ने दीप प्रज्वलित कर कामरेड कमला राम नौटियाल को श्रधांजली दी। कार्यक्रम के विशिस्ट अथिति श्अनूप नौटियाल ने कहा की कोमरेड कमला राम नौटियाल प्रर्यावरण प्रेमी थे और उन्होंने पर्यावरण के संरक्षण के लिए अनेक वन आन्दोलन भी किये। श्री नौटियाल ने कहा कि आज भारत पर्यावरण सम्बंधित कई चुनौतियों का सामना कर रहा है. जिसके लिए उन्होंने कई फैक्ट शीट सबके सामने रखी।

कांग्रेस के वरिष्ट नेता आर० पी० रतुरी ने कहा की कमला राम नौटियाल जैसी कोई शक्शियत न कोई हुई है और ना कोई होगी. वह कम्युनिस्ट आन्दोलन की गौरव शाली विरासत के सच्चे प्रतिनिधि थे। कामरेड इन्द्रेश मैखुरी ने राजनीति का जल-वायु परिवर्तन पर प्रभाव पर अपने विचार साझा किये। राजकीय स्ना० महा० वि० के प्राचार्य प्रो० सतपाल सहनी ने कहा की कमला राम नौटियाल एक ऐसी विचारधारा थे जिन्होंने सबको एकजुट करने का प्रयास किया। कामरेड गिरिधर पंडित ने कहा की कमला राम नौटियाल ने कभी अपने विचारों को नहीं त्यागा. हमे उनकी दृढ़ता, विचारों और इमानदारी से प्रेरणा लेने चाहिये।

कार्यक्रम के मुख्य अथिति मुन्ना सिंह चौहान ने अपने वक्तव्य में कहा की कमला राम नौटियाल का व्यक्तित्वा और सोच इतनी विराट थी की वो सबको अपना बना लेते थे और जेवन भर प्रगतिशील रहे। उन्होंने कहा की वो सभी का सम्मान करते थे और आज भी सभी उनको याद करते हैं. इस दोरान उत्तरकाशी के संवेदना समूह के अध्यक्ष जे० पी० राणा ने “ले मशालें चल पड़े है लोग मेरे गाँव के” की प्रस्तुति दी। कार्यक्रम की संचालिका श्रीमती लिली भट्ट ढौंडियाल ने “ऐ मेरे वतन के लोगों – जरा आँख में भरलो पानी” गीत से सभी को भावुक कर दिया। डा० मधु थपलियाल ने मंच की नौ साल की यात्रा को साझा किया।

मंच के अध्यक्ष श्री के० सी० कुरियल की माता जी को मंच द्वारा श्रधांजलि अर्पित की गयी. कनाडा से आयी देव्यन्शी द्वारा राष्ट्रीय गान से सुरुआत की गयी. सुभाशीष द्वारा पियानो पर “हे राम धुन “ बजा कर सबको मन्त्र मुग्ध कर दिया।
कार्यक्रम में चिकित्सा परिषद् के अध्यक्ष श्री जना नन्द नौटियाल, कामरेड जग्गी, विपिन बनियाल, श्री शीश पाल गुसाईं, महावीर रवंलटा, प्रजापति नौटियाल, उत्तर पन्त, मंच की संरक्षिका कमला नौटियाल, प्रेम गैरोला, तृप्ति आदि उपस्थित रहे.

इन्हें किया गया सम्मानित
१. डा० अतुल शर्मा – साहित्य के क्षेत्र में
२. श्रीमती सुनीता चौहान – जौनसारी बोली भाषा को संरक्षित करने के क्षेत्र में
३. कामरेड गिरिधर पंडित – राजनीती के क्षेत्र में
४. कामरेड इन्द्रेश मैखुरी – राजनीती के क्षेत्र में
५. श्री जे० पी० राणा – लोक संस्कृति के संरक्षण के क्षेत्र में
६. श्री सुधीर नौटियाल – निदेशक उद्योग – उत्तराखंड के उद्योग विभाग को उत्क्रिस्ट स्थान दिलाने हेतु
७. कामरेड समर भंडारी – राजनीती के क्षेत्र में

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