अंतर्राष्ट्रीय

रूस-यूक्रेन युध्द के चलते दोनों देशों के सामने आ रही खाद्य सामाग्री समस्याएं

रूस और यूक्रेन के बीच जारी युध्द को करीब दो महीने से ज्यादा हो गए है। दोनों देशों के बीच युध्द की वजह से खाद्य और ऊर्जा संबंधी चुनौतियां सामने आ रही हैं। इसी बीच, भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में रूस-यूक्रेन युध्द के चलते उभरती खाद्य और ऊर्जा संबंधी समस्याओं पर प्रकाश डाला है।

संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टीएस तिरुमूर्ति ने कहा, ‘दोनों देशों का युध्द व्यापक क्षेत्रीय और वैश्विक प्रभावों के साथ एक अस्थिर प्रभाव डाल रहा है।’ उन्होंने कहा कि तेल की कीमतें आसमान छू रही हैं और खाद्यान्न और उर्वरकों की कमी है। इसका वैश्विक दक्षिण और विकासशील देशों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है।

तिरुमूर्ति ने आगे कहा, ‘युध्द से उत्पन्न खाद्य सुरक्षा चुनौतियों के लिए हमें सभी बाधाओं से परे जाकर जवाब देना होगा। ऊर्जा सुरक्षा सभी के लिए एक गंभीर चिंता है और सभी के प्रयासों के जरिए इसे देखने की जरूरत है।’ तिरुमूर्ति ने युध्द को खत्म करने और बातचीत और कूटनीति के मार्ग को एकमात्र रास्ता अपनाने के लिए भारत के लगातार आह्वान को दोहराया।

उन्होंने कहा कि युध्द के कारण कई लोगों की जान गई है जबकि अनगिनत लोगों पर इसका असर पड़ा है। खासकर लाखों महिलाएं, बच्चे और बुजुर्ग बेघर हो गए हैं।ये लोग पड़ोसी देशों में शरण लेने के लिए मजबूर हो गए हैं। भारत ने बुका में नागरिकों की हत्या की कड़ी निंदा की है और स्वतंत्र जांच के आह्वान का समर्थन किया है।

तिरुमूर्ति ने ये भी कहा, ‘यूएन के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस के प्रयासों की हम सराहना करते हैं। हम तत्काल प्रभाव से खाद्य निर्यात प्रतिबंधों से मानवीय सहायता के लिए विश्व खाद्य कार्यक्रम द्वारा भोजन की खरीद को छूट देने की उनकी सिफारिश का स्वागत करते हैं।’

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