उत्तराखंड

जंगल में आग लगने से वन बीट कर्मचारी की मौत

टिहरी: मैंडखाल क्षेत्र की लालुरी बीट में चीड़ के जंगल में भड़की आग की चपेट में आकर झुलसने से वन बीट सहायक की मौत हो गई। बुधवार शाम को हुई घटना का पता बृहस्पतिवार सुबह चल पाया। राजस्व पुलिस ने शव का पंचनामा भरने के बाद पोस्टमार्टम के लिए भेजा है।

वन कर्मियों ने बताया कि बुधवार को वह घियाकोटी के पास सिलगांव नामे तोक के वनीकरण को आग से बचाने के लिए फायर लाइन लगाकर अन्य वन कर्मी घर लौट गए थे, लेकिन वन बीट सहायक सूरत सिंह कुमाईं पुत्र धूम सिंह कुमाईं निवासी ग्राम खांड बिड़कोट पट्ट नगुण थौलधार आगजनी की आशंका जताते हुए वहीं जंगल में ही रुक गए थे। उनके साथी कर्मचारी वन चौकीदार सुरेंद्र सिंह ने बताया कि बृहस्पतिवार सुबह ड्यूटी पर जाने के लिए उन्होंने सूरत सिंह को फोन किया, लेकिन उनका फोन स्विच ऑफ था।

वनकर्मी ने बताया कि वह उनको ढूंढते हुए लालुरी चौकी पहुंचे, लेकिन वहां भी ताला लगा था। उसके बाद उन्हें तलाशते हुए सिलगांव नामे तोक पहुंचे तो वहां सूरत सिंह का झुलसा हुआ शव मिला। उन्होंने कहा कि चीड़ के जंगल में फिर से भड़की आग की चपेट में आने से वह बुरी तरह से झुलस कर शहीद हो गए। वन कर्मियों ने इसकी सूचना रेंज अधिकारी को दी। रेंजर आशीष डिमरी ने बताया कि वन बीट अधिकारी को मौके पर भेजा गया है। इस घटना की सूचना राजस्व पुलिस को भी दी गई है। वहीं क्षेत्र के जिला पंचायत सदस्य जयवीर सिंह रावत ने वन कर्मी की मौत पर दुख जताया है। उन्होंने जंगल की आग बुझाते हुए अपने प्राणों की आहुति देने वाले वन कर्मी को शहीद का दर्जा देकर उनके परिवार के एक सदस्य को वन विभाग में नौकरी देने की मांग की।

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