उत्तराखंड

बागेश्वर जिले के पौसारी गांव में भारी बारिश का कहर

बागेश्वर/Bageshwar: जिले में भारी बारिश से बैसानी के पौसारी गांव में काफी नुकसान हुआ है। मकान, गोशाला, स्कूल भवन, आंगनबाड़ी केंद्र, पेयजल योजनाएं और खड़ी फसल बर्बाद हो गई है। तहसील प्रशासन ने गांव का सुबह मौका मुआयना किया। रिपोर्ट जिला प्रशासन को सौंप दी है।

बीती रविवार की रात लगभग साढ़े 12 बजे पौसारी गांव में भयंकर बारिश हुई। आकाशीय बिजली गिरने के साथ ही बारिश से समूचा गांव तरबतर हो गया। मलबा, बोल्डर, पानी और पेड़ जड़ से उखड़कर गांव की तरफ बहने लगे। जिससे वहां हाहाकार मच गया। ग्रामीणों ने घर छोड़ दिए और वह जान बचाने के लिए गोठ यानी गोशाला में शरण ली। भयभीत होकर रात बिताई और संचार सेवा नहीं होने से घटना की जानकारी प्रशासन तक नहीं पहुंचा सके।

सुबह तक तहसील प्रशासन तक अतिवृष्टि की सूचना पहुंची। जिसके बाद तहसीलदार पूजा शर्मा गांव पहुंची। उन्होंने बताया कि गांव में भारी नुकसान हुआ है। फसलें नष्ट हो गई हैं। केले का बगीचा बह गया है। घर, आंगन खेत खलिहान मलबे से पट गए हैं। गांव को जोड़ने वाली सड़क भी पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई है। गांव का सड़क से संपर्क कट गया है। विद्यालय का बाथरूम, कंप्यूटर कक्ष आदि भी ध्वस्त हो गया है। कई मकानों में दरारें पड़ गई हैं। गांव के लाल सिंह भाकुनी, केदार सिंह, देव राम, गणेश राम, पनी राम ने कहा कि वह भयभीत हैं। बच्चों की सुरक्षा के लिए चिंतित हैं। तहसील प्रशासन ने मौका मुआयना कर लिया है। लेकिन अभी तक राहत किसी की तरफ से नहीं मिल सकी है। मलबे में उनका सामान आदि दब गया है। तन पर कपड़े ही बचे हुए हैं।

लाल सिंह पुत्र महेंद्र सिंह का आवासीय मकान क्षतिग्रस्त, कपड़े, बर्तन आदि दबे। पनी राम पुत्र प्रेम राम मकान और गोशाला ध्वस्त। सादो सिंह पुत्र शेर सिंह का मकान, शौचालय, बहादुर राम पुत्र प्रेम राम का शौचालय, राजकीय प्राथमिक विद्यालय पौसारी के गधेरे से लाल सिंह पुत्र महेंद्र सिंह का घर और गधेरे से कृषि भूमि को नुकसान।

कपकोट, ऐठाण, रिखाड़ी, बमसेरा जोड़ने वाले दो पुल खतरे की जद में आ गए हैं। कुजगेड़ी गधेरे ने तबाही मचाई है। मल्ला बमसेरा तल्ला बमसेरा ऐठाण झाझरबुड्ढी तक गधेरे ने लगभग 10 हेक्टेयर भूमि बह गई है। दीपक सिंह ऐठानी, चंचल सिंह ऐठानी, दयाल सिंह, हीरा सिंह, विनोद ऐठानी, भगवत सिंह, जानकी ऐठानी, महेश सिंह, चंचल गढ़िया, दरपान सिंह ऐठानी, भूपाल सिंह, शेर सिंह ऐठानी, मोहन राम, शेर राम, हरीश राम के खेतों और मकानों को खतरा बना हुआ है। ग्रामीणों ने प्रशासन से मौका मुआयना कर लोगों की समस्या दूर करने की मांग की है।

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