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चिकित्सा क्षेत्र में प्रौद्योगिकी और व्यवहार पक्ष दोनों का उत्कृष्ट होना जरूरी: सीएम योगी

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को कहा कि किसी भी चिकित्सा संस्थान की उपादेयता और सफलता के लिए प्रौद्योगिकी और व्यवहार पक्ष दोनों का उत्कृष्ट होना जरूरी है। योगी ने शुक्रवार शाम गोरखपुर स्थित गीता वाटिका में हनुमान प्रसाद पोद्दार कैंसर अस्पताल एवं शोध संस्थान में कैंसर सिंकाई की चतुर्थ अत्याधुनिक रेडियोथेरेपी मशीन वरिआन हेलक्यान का लोकार्पण करने के बाद उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए कहा कि प्रौद्योगिकी समय के अनुरूप होनी चाहिए और समय से दस कदम आगे चलने का सामर्थ्य होना चाहिए और साथ ही चिकित्सा व्यवस्था से जुड़ी पूरी टीम को संवेदना से परिपूर्ण होना चाहिए।

मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि व्यक्ति हो या संस्थान, यदि वह समय के अनुरूप नहीं चलेगा, तो समय ही उसे पीछे धकेल देता है। समय के अनुरूप न चलने वालों की पहचान समाप्त हो जाती है और वे काल के गाल में समा जाते हैं। इसलिए यह आवश्यक है कि हममें समय से दस कदम आगे चलने का सामर्थ्य होना चाहिए, ताकि हम अपने क्षेत्र में स्वस्थ प्रतिस्पर्धा कर सकें। सीएम योगी ने कहा कि चिकित्सा संस्थान मेडिकल-हेल्थ के क्षेत्र में नित्य हो रहे नए अनुसंधान के साथ नहीं जुड़ेंगे, तो पिछड़ जाएंगे। आज के समय में लोगों की भुगतान क्षमता बढ़ी है। साथ ही सरकार के स्तर पर तमाम सुविधाएं मिल रही हैं। प्रदेश में प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना, मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना और मुख्यमंत्री राहत कोष की सहायता राशि से लाखों लोगों को लाभ हुआ है। ऐसे में लोग अच्छी सुविधा भी चाहेंगे।

उन्होंने कहा कि चिकित्सा संस्थान के लिए दो बातें महत्वपूर्ण होती हैं। पहला अत्याधुनिक टेक्नोलॉजी और दूसरा मानवीय व्यवहार। संस्थान में चिकित्सक, पैरामेडिकल, नर्सिंग और हर व्यवस्था से जुड़े स्टाफ में रोगी के प्रति संवेदना का भाव होना चाहिए। मरीज के दुख को अपना दुख मानकर सेवा करने का जज्बा होना चाहिए। इसके साथ ही संस्थान में समय की गति से आगे चलने का सामर्थ्य होना भी जरूरी है।

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