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पीएम मोदी ने किया औद्योगिक नगरी फरीदाबाद में एशिया के सबसे बड़े निजी अस्पताल का उद्घाटन, जानिए क्या खासियत है अस्पताल की

फरीदाबाद: औद्योगिक नगरी फरीदाबाद को आज अमृता अस्पताल के रूप में चिकित्सीय क्षेत्र की बड़ी सौगात मिली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने हेलीकाप्टर से पहुंचकर अमृता अस्पताल का उद्घाटन किया है। इस दौरान उनके साथ हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल, राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय, अमृतानंदमयी मठ की प्रमुख मां अमृता, केंद्रीय राज्यमंत्री कृष्णपाल गुर्जर और उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला मौजूद रहे।

अस्पताल का निर्माण माता अमृतानंदमयी मिशन ट्रस्ट की ओर से किया गया है हालांकि इसे निजी क्षेत्र का ही माना जाएगा। लेकिन ट्रस्ट की प्रमुख आध्यात्मिक गुरु मां अमृतानंमयी की जिस तरह से सेवा भावना वाली छवि है, उसे देखते हुए इस अस्पताल का लाभ आर्थिक रूप से कमजोर जरूरतमंदों को बेहद रियायती दर पर देने की बात भी अस्पताल से जुड़े अधिकारियों द्वारा की जा रही है। इसका स्वरूप क्या होगा, यह आने वाले समय में पता चलेगा। यह एशिया का सबसे बड़ा निजी अस्पताल है।

जानें खास बातें-

फरीदाबाद के सेक्टर-88 में निर्मित अस्पताल 2600 बेड का होगा। पहले चरण में 550 बेड की सुविधाओं के साथ शुरू होगाइसमें सभी प्रमुख चिकित्सकीय सुविधाएं होंगी, जिसमें आर्कियोलाजी, कार्डियक साइंस, न्यूरो साइंस, गेस्ट्रो साइंस, रिनल, ट्रामा ट्रांसप्लांट, मदर एंड चाइल्ड केयर सहित 81 तरह की विशेष चिकित्सीय सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।24 अगस्त को प्रधानमंत्री के उद्घाटन के बाद अगले दिन इस अस्पताल में 550 बिस्तरों से इसकी शुरुआत हो जाएगी।

अस्पताल के रेजीडेंट मेडिकल निदेशक डा.संजीव के सिंह के अनुसार अम्मा यानी माता अमृतानंदमयी के आशीर्वाद से दो साल बाद अस्पताल में बेड की संख्या बढ़कर 750 और पांच साल में एक हजार बेड की हो जाएगी। इसमें 534 क्रिटिकल केयर बेड भी शामिल होंगे। फिर चरण दर चरण इसमें विस्तार करते हुए 2600 बेड का अस्पताल जनता को समर्पित होगा।

अस्पताल प्रबंधकों के दावे पर यकीन करें, तो यह देश की नहीं बल्कि पूरे एशिया में सबसे बड़ा और आधुनिक अस्पताल होगा। इस अस्पताल के शुरू होने से दिल्ली-एनसीआर के लोगों को सबसे ज्यादा फायदा होगा, जिन्हें जरूरत पड़ने पर आधुनिक उपचार संबंधी सुविधाएं मिलेंगी।

मेडिकल निदेशक संजीव सिंह के अनुसार ट्रस्ट की ओर से पहले से ही 11 बड़े अस्पताल संचालित हैं और इनमें कोच्चि में सबसे बड़ा 1350 बेड का अस्पताल है। अब यह 2600 बेड का अस्पताल होगा।

जरूरतमंदों को रियायती दर पर उपचार के बारे में मेडिकल निदेशक ने कहा कि देश भर में विभिन्न अस्पतालों में जरूरतमंदों व निर्धन वर्ग को निश्शुल्क चिकत्सीय सुविधाएं दी जाती हैं, पर उससे पहले इसकी जांच की जाती है कि संबंधित की पृष्ठभूमि क्या है और क्या वास्तव में उसको जरूरत है। अस्पताल का आंतरिक आडिट भी होता है, जिसमें डाक्टर क्या दवा लिखते हैं, इस पर भी नजर रखी जाती है।

अस्पताल परिसर चूंकि 133 एकड़ क्षेत्र में निर्मित है और इसमें सैकड़ों डाक्टर कार्यरत होंगे, साथ ही दस हजार का पैरा मेडिकल स्टाफ होगा, तो इसे देखते हुए रोजगार के प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष अवसर सृजित होंगे। अस्पताल के प्रशासनिक अधिकारियों के अनुसार बड़ी संख्या में नौकरियों के अवसर पैदा होंगे। इसके अलावा अस्पताल से जुड़ कर अप्रत्यक्ष रूप से अन्य कार्य निकलेंगे। अस्पताल के परिसर में हेलीपैड होगा और 498 कमरों वाला गेस्ट हाउस भी है।

यहां मरीजों के साथ आने वाले अटेंडेट रह सकेंगे। मेडिकल निदेशक के अनुसार यह अस्पताल आधुनिक चिकित्सा अनुसंधान के क्षेत्र में अत्यधिक महत्वपूर्ण साबित होगा।

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