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हल्द्वानी मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस के छात्र के साथ हुई रैगिंग

हल्द्वानी:- हल्द्वानी मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस के फर्स्ट ईयर के छात्र के साथ कथित रैगिंग का मामला सामने आया है। सीनियर छात्र ने अपशब्द कहे, जिसकी जानकारी शुक्रवार रात जूनियर छात्र ने सुरक्षा कर्मी को दी। इसके बाद खलबली मच गई। रात को ही वार्डन समेत कॉलेज प्रबंधन से जुड़े लोग मौके पर पहुंचे। इस मामले में शनिवार को अनुशासन समिति और एंटी रैगिंग कमेटी की बैठक हुई जिसमें सीनियर और जूनियर छात्रों के बयान भी दर्ज किए गए।

कॉलेज प्रबंधन के मुताबिक एमबीबीएस-2 के एक सीनियर छात्र को जुर्माना लगाने के साथ तीन महीने के लिए हॉस्टल से निकालने की तैयारी है। उसके बैच के 43 अन्य छात्रों पर सामूहिक जुर्माना लगाने की तैयारी है। बताया जा रहा है कि एमबीबीएस प्रथम वर्ष के छात्रों के लिए फ्रेशर्स पार्टी के बाद ये घटना हुई जिसमें एक सीनियर छात्र ने वीडियो कॉल करके जूनियर को अपशब्द कहे। इस दौरान कई सीनियर छात्रों की भी आवाज आ रही थी।

आहत छात्र की सूचना पर शनिवार को अनुशासन समिति और बाद में एंटी रैगिंग कमेटी की बैठक बुलाई गई। जूनियर छात्र के अभिभावक को भी बुलाया गया। बैठक में जुर्माना लगाने समेत अन्य कार्रवाई का फैसला लिया गया। मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. अरुण जोशी ने बताया कि प्रकरण सामने आया है। इस मामले सभी आवश्यक कार्रवाई की जा रही है। जुर्माना लगाने के साथ हास्टल से निकालने की कार्रवाई होगी।

तकनीक के जरिये रैगिंग 
मेडिकल कॉलेज प्रबंधन ने रैगिंग को रोकने की कोशिश की है। कैमरे लगाने के साथ जूनियर छात्रों के हास्टल के पास सुरक्षात्मक कदम बढ़ाए गए हैं। कॉलेज प्रबंधन और वार्डन लगातार हॉस्टल का निरीक्षण करने के साथ जूनियर छात्रों से बातचीत कर रहे थे। ऐसे में तकनीक  का सहारा लेते हुए वीडियो कॉल के जरिये रैगिंग का ताना बाना बुना गया है।

पहले रैगिंग का शिकार, अब भरेंगे जुर्माना

मेडिकल कॉलेज में कथित तौर पर रैगिंग के मामले में सीनियर छात्रों पर आरोप लगा है। बताया जा रहा है जिन छात्रों पर आरोप लगा है वह खुद भी रैगिंग के शिकार हो चुके हैं। नौ महीने पहले सीनियर छात्रों ने उनके बाल काटने के साथ सिर झुकाकर चलने की हिदायत दी थी। हालांकि इस मामले में तब के सीनियर छात्रों पर आर्थिक जुर्माना लगाया गया था।

नौ माह पहले आए इस मामले में पहले कॉलेज प्रबंधन तो रैगिंग की बात सिरे से नाकारी लेकिन जब मामले ने तूल पकड़ा तो कमिश्नर कुमाऊं और डीआईजी की टीम ने जांच की थी। संबंधित प्रकरण यूजीसी तक गया था। इसके बाद 120 अधिक छात्रों पर पांच- पांच हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया था। मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. अरुण जोशी का कहना है कि किसी भी तरह की गड़बड़ी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। सीनियर छात्रों पर जुर्माना लगाया जाएगा।

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