अंतर्राष्ट्रीय

बांग्लादेश में शेख हसीना का तख्तापलट, सेना की कार्रवाई में 56 की मौत

 पड़ोसी देश बांग्लादेश में सोमवार को हंगामा बरप गया। दसियों हजार छात्रों ने सारी रुकावटों को पार करते हुए राजधानी ढाका पर कब्जा कर लिया और भारी तोड़फोड़-आगजनी की। हालात बेकाबू होते देख प्रधानमंत्री शेख हसीना ने दोपहर बाद पद से इस्तीफा दे दिया और बहन रेहाना के साथ भारत के लिए रवाना हो गईं। पहले वह बांग्लादेशी वायुसेना के मालवाहक विमान से त्रिपुरा की राजधानी अगरतला और वहां से वह शाम 5:36 बजे दिल्ली के नजदीक वायुसेना के हिंडन एयरबेस पहुंचीं।

पीएम आवास में लूटपाट और आगजनी

इस बीच ढाका में प्रधानमंत्री आवास गणभवन पर उपद्रवी छात्रों ने कब्जा कर वहां लूटपाट और आगजनी की है। गृह मंत्री और कुछ अन्य मंत्रियों के आवासों पर भी तोड़फोड़ और आगजनी की गई है। बंगबंधु मेमोरियल म्यूजियम, इंदिरा गांधी कल्चरल सेंटर और हसीना की पार्टी अवामी लीग के कार्यालय में तोड़फोड़ और आग लगा दी गई है।

हिंदुओं के मंदिरों पर भी हमले

ढाका में लगी बंगबंधु शेख मुजीबुर्रहमान की प्रतिमा तोड़ दी गई है और हिंदुओं व चार मंदिरों पर हमले हुए हैं। बांग्लादेश में रविवार को प्रधानमंत्री हसीना के इस्तीफे की मांग को लेकर ढाका और अन्य शहरों में दिन भर हंगामा, तोड़फोड़ और आगजनी होती रही, देर रात तक इन घटनाओं में 101 लोग मारे गए थे और सैकड़ों घायल हुए थे।

शेख हसीना के पति का आवास भी नहीं छोड़ा

राष्ट्रव्यापी कर्फ्यू के बावजूद सोमवार को यह हंगामा और बढ़ गया, लांग मार्च टू ढाका के आह्वान के साथ आसपास के शहरों से दसियों हजार छात्र राजधानी ढाका पहुंच गए और उन्होंने सरकारी भवनों पर हमले शुरू कर दिए। शेख हसीना के दिवंगत पति डॉ. वाजेद मियां का आवास भी नहीं छोड़ा। मुख्य न्यायाधीश के आवास में भी उपद्रवी घुस गए और वहां तोड़फोड़ की।

56 लोगों की गई जान

सोमवार की घटनाओं में देश में 56 लोग मारे गए। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए सेना भी ढाका की सड़कों पर उतरी लेकिन वह आगे बढ़ते छात्रों को नहीं रोक पाई। इसके बाद सेना प्रमुख जनरल वकार-उज-जमां ने हसीना से प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने के लिए कहा और उन्हें देश छोड़कर जाने की सलाह दी। इसके बाद इसी वर्ष लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री बनीं 76 वर्षीया शेख हसीना को इस्तीफा दे दिया और उसके कुछ मिनट बाद बांग्लादेश छोड़ दिया।

अंतरिम सरकार का होगा गठन

इसके बाद जनरल वकार-उज-जमां ने सरकारी टेलीविजन पर प्रधानमंत्री के इस्तीफे की जानकारी दी और खुद सारी जिम्मेदारी लेने का एलान किया। उन्होंने लोगों से शांति की अपील की। जनरल जमां ने जल्द ही अंतरिम सरकार के गठन का भरोसा दिया है। हसीना के इस्तीफे की सूचना सार्वजनिक होते ही ढाका और देश के कई शहरों में प्रदर्शनकारियों द्वारा खुशी मनाई जाने लगी।

सरकार विरोधी आग ने भड़काई हिंसा

बांग्लादेश में हिंसा का सिलसिला जुलाई में आरक्षण विरोधी आंदोलन से शुरू हुआ था, उसमें 200 से ज्यादा लोग मारे गए थे। सुप्रीम कोर्ट द्वारा 93 प्रतिशत स्थान अनारक्षित करने के बाद वह आंदोलन शांत हो गया था, लेकिन सरकार विरोधी आग सुलगती रही, चंद रोज के बाद यह सरकार के इस्तीफे की मांग के साथ भड़की और रविवार को एक ही दिन की हिंसा में 100 से ज्यादा लोगों की जान ले ली।

सरकार विरोधी साजिश का नतीजा रहा कि शेख हसीना को महज 36 घंटे के भीतर पद और देश छोड़ना पड़ा। बताया गया है कि इस हिंसा और हंगामे में छात्रों को विपक्षी दलों का समर्थन भी हासिल था।

खालिदा जिया की रिहाई का आदेश

बांग्लादेश के राष्ट्रपति मुहम्मद शहाबुद्दीन ने विपक्ष की नेता और पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया की रिहाई का आदेश दिया है। संभवत: मंगलवार को उनकी जेल से रिहाई होगी। खालिदा ने जेल से ही देश में शांति की अपील की है।

अमेरिका ने कहा- लोकतांत्रिक ढंग से बने सरकार

बांग्लादेश की ताजा स्थिति पर अमेरिका ने वहां पर शांति स्थापित होने की आवश्यकता जताई है। साथ ही देश में जल्द सभी की भागीदारी वाली लोकतांत्रिक ढंग से चुनी हुई सरकार के गठन की जरूरत बताई है।

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