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प्रतिबन्धित काजल-काठ की लकड़ी की तस्करी, 3 तस्करों को किया गिरफ्तार

उत्तरकाशी:- उच्च हिमालयी क्षेत्रों के दुर्लभ वन संपदा काजल की लकड़ी को फिल्म पुष्पा के अंदाज में पुष्पा बनकर अवैध रुप से तस्करी करते हुये एक चालक सहित 03 तस्करों को आज उत्तरकाशी पुलिस द्वारा पकडा गया है।

श्अर्पण यदुवंशी, पुलिस अधीक्षक उत्तरकाशी द्वारा जनपद में नशे पर पूर्ण प्रतिबन्ध लगाने के साथ-साथ अन्य अवैध गतिविधियों की रोकथाम हेतु आज प्रातः 5-6 बजे के बीच डुण्डा पुलिस द्वारा बैरियर पर चैकिंग के दौरान वाहन संख्या UK07AE-8600 मे 03 व्यक्तियों को प्रतिबन्धित काजल-काठ की लकड़ी की तस्करी करते हुये पकड़ा गया।

वाहन उपरोक्त से 144 नग बरामद किये गये। ये लोग भटवाड़ी के सालंग क्षेत्र से इस प्रतिबन्धित लकड़ी को उत्तर-प्रदेश सहारनपुर ले जा रहे थे, लेकिन पुलिस की सतर्कता ने इनको नाकाम कर दिया। *मामले में अग्रिम विधिक कार्रवाई हेतु इनको मय प्रतिबन्धित लकड़ी के वन विभाग के सुपुर्द किया गया।

एस0पी0 उत्तरकाशी द्वारा बताया गया कि काजल की लकड़ी उच्च हिमालय के आरक्षित वन क्षेत्र में पाई जाती है। काजल औषधीय दृष्टिकोण से सर्वोत्तम मानी जाती है। इसे बौद्घ सम्प्रदाय के लोग इसके बर्तन (बाउल) बनाकर खाद्य एवं पेय पदार्थों के लिए इस्तेमाल करते हैं। भारत, चीन, तिब्बत, नेपाल आदि देशों में इस लकड़ी की तस्करी कर उच्च कीमतों पर बेचा जाता है।

बरामद माल- 144 नग प्रतिबन्धित काजल की लकड़ी ( कीमत करीब-14 लाख रु0)

तस्करों का नाम पता-
1-जनक बहादुर पुत्र बूढे बहादुर निवासी नई बस्ती थाना कलेमनटाउन देहरादून हाल पता लोदी सराय सहारनपुर उ0प्र0।
2-खेमराज रोकाया पुत्र लाल रोकाया निवासी उपरोक्त।
3-विनोद कुमार पुत्र रघुवीर सिंह निवासी नन्दपुरी कॉलोनी सहारनपुर उ0प्र0 (चालक)

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