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समाज कल्याण मंत्री ने कहा मदरसों में शिक्षा देकर बच्चों का भविष्य बर्बाद नहीं होने देंगे

देहरादून:- उत्तराखंड सरकार ने राज्य में बिना मान्यता के चल रहे मदरसों को लेकर बड़ा फैसला लिया है। सरकार का दो टूक कहना है कि या तो इन मदरसों को शिक्षा विभाग से मान्यता लेनी होगी नहीं तो इन्हे बंद कर दिया जायेगा। समाज कल्याण मंत्री चंदन राम दास के मुताबिक राज्य में 425 मदरसे बिना मान्यता चल रहे हैं। इनमें से 192 मदरसों को बिना मान्यता केंद्र एवं राज्य सरकार आर्थिक सहायता दे रही है। समाज कल्याण मंत्री ने कहा पहले चरण में सहायता लेने वाले इन मदरसों ने यदि शिक्षा विभाग से मान्यता न ली तो इनको मिलने वाली सहायता के साथ ही इन्हें बंद किया जाएगा।

मान्यता है नहीं और ले रहे राज्य व केन्द्र से आर्थिक मदद
समाज कल्याण मंत्री ने कहा कि 192 मदरसों को राज्य सरकार और केंद्र से धनराशि जारी हो रही है, जबकि इनके पास कक्षा पांच तक की शिक्षा विभाग की मान्यता नहीं है। यदि इन मदरसों के पास कक्षा पांचवीं तक की मान्यता नहीं होगी तो इनमें पढ़ने वाले बच्चों को कक्षा छह में दिक्कत होगी। बिना टीसी के इनमें पढ़ने वाले बच्चों को अगली कक्षा में एडमिशन लेने में दिक्कत होगी। बिना टीसी के इन बच्चों को कौन अगली कक्षा में एडमिशन देगा। उन्होंने कहा कि इस तरह के मदरसों में शिक्षा देकर बच्चों का भविष्य बर्बाद नहीं होने दिया जाएगा।

समाज कल्याण मंत्री ने कहा कि सरकार चाहती है कि इनमें पढ़ने वाले बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिले। इसके लिए इन मदरसों को अनिवार्य रूप से मान्यता लेनी होगी। मंत्री ने कहा कि जो मान्यता नहीं लेगा और हमारी शर्तों पर काम नहीं करेगा उसकी सरकारी सहायता बंद किए जाने के साथ ही उन मदरसों को भी बंद किया जाएगा जबकि दूसरे चरण में इस तरह के अन्य मदरसों के खिलाफ कार्रवाई होगी।

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