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श्रीलंकाई राष्ट्रपति नहीं देंगे इस्तीफा, आइए जानते हैं कि श्रीलंका में क्या चल रहा है?

श्रीलंका की इकॉनमिक और राजनीतिक स्थिति लगातार खराब होती जा रही है। श्रीलंका के राष्ट्रपति गोताबया राजपक्षे ने विपक्षी दलों को साथ मिलाकर एकता सरकार बनाने की बात कही थी जिसे मानने से विपक्षी दलों ने इनकार कर दिया है।

आइए 10 पॉइंट में जानते हैं कि श्रीलंका में क्या चल रहा है।

1- श्रीलंकाई विपक्षी दलों ने एकता सरकार में शामिल होने से साफ इनकार कर दिया है। विपक्षी पार्टियों ने खाने की चीजों, फ्यूल और दवाओं की बढ़ती कमी को लेकर राष्ट्रपति गोताबाया राजपक्षे से इस्तीफे की मांग की है।

2- श्रीलंका में इमरजेंसी की घोषणा के बाद पहली बार संसद बुलाए के बाद डिप्टी स्पीकर रंजीत सियाम्बलपतिया ने इस्तीफा दे दिया है।

3- राष्ट्रपति ने संसद की वैधता और स्थिरता को बनाए रखने के लिए चार मंत्रियों को नामित किया है जब तक कि एक पूर्ण मंत्रिमंडल की नियुक्ति नहीं हो जाती।

4- देश में दवा की भारी कमी को देखते हुए श्रीलंका में मंगलवार से इमरजेंसी घोषित कर दी गई है।

5- विदेशी मुद्रा संकट और पेमेंट बैलेंस जैसे आर्थिक स्थिति से निपटने के लिए सत्तारूढ़ राजपक्षे परिवार के खिलाफ बड़े पैमाने पर सार्वजनिक आंदोलन हो रहे हैं।

6- देश के केंद्रीय बैंक के गवर्नर अजित काबराल ने 4 अप्रैल को अपने पद से इस्तीफा दे दिया है।

7- 3 अप्रैल की शाम राष्ट्रपति गोताबाया राजपक्षे और उनके बड़े भाई पीएम महिंदा राजपक्षे को छोड़कर सभी 26 मंत्रियों ने इस्तीफा दे दिया था।

8- सरकार के खिलाफ विरोध तेज होने के बाद इंटरनेट सेवा प्रदाताओं को फेसबुक, व्हाट्सएप, ट्विटर और यूट्यूब सहित सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को रोक दिया था। रविवार की शाम सोशल मीडिया पर लगे प्रतिबंध हटा लिए गए हैं।

9- भारत ने हाल ही में पेट्रोलियम उत्पादों को खरीदने में मदद करने के लिए फरवरी में पिछले 500 बिलियन अमरीकी डालर कर्ज के बाद आर्थिक संकट से निपटने के लिए देश को अपनी वित्तीय सहायता के हिस्से के रूप में श्रीलंका को 1 बिलियन अमरीकी डालर का कर्ज देने की घोषणा की है।

10- 1948 में आजादी के बाद से श्रीलंका सबसे बुरे आर्थिक संकट का सामना कर रहा है

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