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थाना नेहरू कॉलोनी पुलिस ने 4 फर्जी बीएएमएस डिग्रीधारी डॉक्टरों को किया गिरफ्तार

देहरादून:- थाना नेहरू कॉलोनी पुलिस ने 04 फर्जी बीएएमएस डिग्रीधारी डॉक्टरों को किया गिरफ्तार, अभियुक्तों के कब्जे से फर्जी डिग्रियां बरामद।

दिनांक: 10-01-23 को थाना नेहरू कॉलोनी पर वादी मुकदमा उप निरीक्षक दिलबर सिंह नेगी एसटीएफ उत्तराखंड की दाखिल फर्द के आधार पर थाना नेहरू कॉलोनी पर मु0अ0सं0: 19/23 धारा 420 467 468 471 120 बी आईपीसी पंजीकृत किया गया तथा मुकदमा उपरोक्त से संबंधित तीन अभियुक्त गणों को गिरफ्तार कर दाखिल किया गया था। इसी क्रम में दिनांक 27-01-23 को मुकदमा उपरोक्त की विवेचना के दौरान प्रकाश में आए 04 अन्य फर्जी बीएएमएस डिग्री धारी डॉक्टरों उक्त मुकदमे की विवेचना के लिए गठित एसआईटी प्रभारी सर्वेश पवांर, पुलिस अधीक्षक अपराध महोदय की टीम द्वारा थाना नेहरू कॉलोनी पर पूछताछ हेतु बुलाया गया।

दौराने पूछताछ अभियुक्तगणों द्वारा अपनी डिग्रियां विवेचक व एसआईटी प्रभारी को दिखाई गई, जिसका अवलोकन के दौरान एसटीएफ की जांच रिपोर्ट तथा भारतीय चिकित्सा परिषद उत्तराखंड द्वारा डॉक्टरों के सत्यापन कार्यवाही के बाद पंजीकरण निरस्तीकरण तथा राजीव गांधी इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल एंड हेल्थ साइंस बेंगलुरु कर्नाटका से डिग्रियों के सत्यापन के आधार पर उक्त डॉक्टरों की डिग्रियां फर्जी पाए जाने पर चारों अभियुक्तगणों को गिरफ्तार किया गया है तथा चारों अभियुक्तगणो से इनकी फर्जी डिग्रियां भी बरामद की गई है ।

उपरोक्त चारों व्यक्तियो से पूछताछ करने पर उनके द्वारा बताया गया कि हमे उक्त बीएएमएस की डिग्रियाँ इमलाख खान निवासी मुज्जफ्फरनगर उ0प्र0 के द्वारा दिलाई गई थी। इमलाख खान ने बताया था कि उसका बाबा कालेज आँफ स्टडीज नाम का मुज्जफ्फरनगर मे कालेज है, जो कि राजीव गाँधी यूनिवर्सिटी आँफ हैल्थ साईन्स कर्नाटक बैंगलोर से सबद्ध है, और वह हमे पत्राचार के माध्यम से बीएएमएस की डिग्री उपलब्ध करा देगा, जिस पर हम लोगो द्वारा अपने शैक्षिक योग्यता बढाने व भविष्य मे राजकीय सेवा मे अवसर प्राप्त करने के उद्धेश्य से 6,50,000 प्रति डिग्री के हिसाब से प्रत्येक ने अलग अलग माध्यमो से इमलाख खान को दिये थे। उसके द्वारा हमे कुछ ही महिनो मे बीएएमएस का प्रोविजनल प्रमाण पत्र प्रदान कर दिया गया था और हमारा रजिस्ट्रेशन भी भारतीय चिकित्सा परिषद उत्तराखण्ड देहरादून मे करा दिया गया था। तब से हम लोग वर्ष 2021 तक अपने अपने क्लिनिको मे चिकित्सक के रूप मे कार्य कर रहे थे।

वर्ष 2021 मे जब किसी ने हमारी शिकायत कर दी, तब भारतीय चिकित्सा परिषद ने हमारा रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया। उसके बाद हमे पता चला कि हमारे सार्टिफिकेट नकली हैं, तब हमने उक्त इमलाख खान से सम्पर्क कर पूछा तो उसने बताया कि तुम्हारा कोई कुछ नही बिगाड सकता है, सारा काम सही तरीके से हुआ है। उसके बाद उसने हमारा फोन उठाना बन्द कर दिया। उक्त बीएएमएस सार्टिफिकेटो के सम्बन्ध मे एसटीएफ उत्तराखण्ड द्वारा की गई जाँच व उक्त यूनिवर्सिटी से प्राप्त पत्र के आधार पर उक्त सार्टिफिकेट फर्जी होना ज्ञात हुआ है।

अभियुक्तगणो से बरामदगी का विवरण*:
उपरोक्त चारों अभियुक्तगणों के पास से चार फर्जी बीएएमएस की डिग्रियां बरामद की गई है।

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