उत्तराखंड

बदरीनाथ धाम के कपाट रविवार यानी 17 नवंबर को रात्रि नौ बजकर सात मिनट पर मिथुन लग्न में शीतकाल के लिए हो जाएंगे बंद

बदरीनाथ:- विश्व प्रसिद्ध और करोड़ों हिंदुओं की आस्था के धाम उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित बदरीनाथ धाम के कपाट रविवार यानी 17 नवंबर को रात्रि नौ बजकर सात मिनट पर मिथुन लग्न में शीतकाल के लिए बंद हो जाएंगे। बदरीनाथ के कपाट बंद होने की तिथि की घोषणा पंचाग अध्ययन के बाद परम्परा के अनुसार, विजयादशमी के पर्व पर शनिवार को बदरीनाथ मंदिर के धर्माधिकारी राधाकृष्ण थपलियाल ने बदरीनाथ के रावल अमरनाथ नम्बूदरी के सानिध्य में की।

बदरीनाथ के कपाट बंद होने से पूर्व पंच पूजाएं बुधवार 13 नवंबर से शुरू होंगी। बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने की तिथि विजय दशमी शनिवार के अवसर पर बदरीनाथ धाम मंदिर परिसर में पंचाग गणना पश्चात समारोहपूर्वक तय की गई। कपाट बंद होने की तिथि तय करने के लिए साढ़े ग्यारह बजे से कार्यक्रम शुरू हो गया था। समारोह में सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु एवं तीर्थयात्री भी मौजूद रहे। बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने की तिथि घोषित होने के कार्यक्रम विजय दशमी के अवसर पर श्री बदरीनाथ -केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने अपने संदेश में तीर्थयात्रियों को शुभकामनाएं दी हैं। उन्होंने यात्रा से जुड़े सभी विभागों,संस्थाओं, संगठनों सभी का आभार भी जताया।

अजय ने कहा कि इस यात्रा वर्ष श्री बदरीनाथ -केदारनाथ यात्रा सरल सुगम रही। अभी यात्रा तथा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन तथा प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के कुशल नेतृत्व में चारधाम यात्रा में बड़ी संख्या में तीर्थयात्री दर्शन को पहुंचे। सरकार एवं मंदिर समिति के प्रयासों से सभी यात्री सुविधाएं मुहैया हुई है। बदरीनाथ धाम से मुख्य कार्याधिकारी विजय प्रसाद थपलियाल ने बताया है कि अभी तक 11 लाख से अधिक तीर्थयात्री श्री बदरीनाथ धाम पहुंचे है तथा साढ़े 13 लाख से अधिक तीर्थयात्री श्री केदारनाथ धाम दर्शन को पहुंचे। इस तरह साढ़े 24 लाख तीर्थयात्रियों ने श्री बदरीनाथ -केदारनाथ के दर्शन कर लिए है एवं साढ़े अड़तीस लाख तीर्थयात्री चारधाम यात्रा पर पहुंच गए है।

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