कर्ज में डूबा उत्तरखंड, महंगी लग्जरी गाड़ियों में घूमेंगे उत्तराखंड के मंत्री और अफसर, सरकारी वाहन खरीद नीति को बदलने की तैयारी
देहरादून: उत्तराखंड गले-गले तक कर्ज में डूबा हुआ है लेकिन यहां कर्ज को कम करने की नहीं बल्कि मंत्री-अफसरों की लाइफ को और लग्जरी बनाने की तैयारी चल रही है। उत्तराखंड के मंत्रियों और अफसरों लिए लग्जरी गाड़ियां खरीदने का रास्ता खोलने की तैयारी शुरू हो गई। परिवहन विभाग वर्ष 2016 की सरकारी वाहन खरीद नीति को बदलने जा रहा है। विभागीय कमेटी ने पांच श्रेणियों में वाहन खरीद की सीमा को 60 तक बढ़ाने की सिफारिश की है। निजी वाहन प्रयोग करने वाले अफसरों को तेल के खर्च की सीमा दोगुने से अधिक करने की भी संस्तुति की गई है। इस नीति पर वित्त विभाग से अनुमति ली जा रही है। विभाग का तर्क वाहन खरीद नीति में वृद्धि की सिफारिशों पर परिवहन विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि वर्ष 2016 से डीजल-पेट्रोल के दाम दोगुने तक बढ़ चुके हैं। वाहनों की कीमत भी बढ़ी हैं। इसके चलते ये सिफारिशें की गई हैं। परिवहन सचिव एएस ह्यांकी ने बताया, नई वाहन क्रय नीति का ड्राफ्ट वित्त विभाग को भेजा है। वित्त के निर्णय के बाद कार्रवाई होगी।
डीएम अब खरीद सकेंगे 18 लाख की लग्जरी गाड़ी
मंत्रियों और अफसरों लिए परिवहन विभाग ने लग्जरी गाड़ियां खरीदने की जो सिफारिश की गई है, उसके मुताबिक, मंत्री और बड़े अफसर 25 लाख की गाड़ी खरीद सकेंगे। निजी वाहन के तेल का खर्च 23 हजार से बढ़ाकर 51,590 रुपये मासिक करने की सिफारिश की गई है। हालांकि, परिवहन विभाग इस पर राजी नहीं है। सूत्रों की मानें तो राज्य की वित्तीय स्थिति को देखते हुए निजी वाहन के तेल खर्च की प्रतिपूर्ति दोगुने करने पर वित्त विभाग हैरान है।
महंगा वाहन खरीद सकेंगे मंत्री-अफसर
काबीना मंत्री, मुख्य सचिव, हाईकोर्ट के जज, एसीएस, पीसीसीएफ, डीजीपी के लिए 25 लाख के वाहन खरीदे जा सकेंगे। प्रमुख सचिव, कमिश्नर, पुलिस महानिरीक्षक, एपीसीसीएफ व समकक्षरू 12 के बजाए 20 लाख रुपये तक वाहन ले सकेंगे। विभागाध्यक्ष, अपर सचिव, डीएम, सीडीओ व अन्य समकक्ष18 लाख रुपये की गाड़ी खरीद सकेंगे।
निजी वाहन के तेल के खर्च में भी वृद्धि
प्रमुख सचिव, कमिश्नर, पुलिस महानिरीक्षक, एपीसीसीएफ व समकक्ष 51,590 रुपये मासिक
विभागाध्यक्ष, अपर सचिव, डीएम, सीडीओ व अन्य समकक्ष 48,180 रुपये प्रतिमाह अन्य अधिकृत अधिकारी, निदेशालय-निगमों के अधिकारी व उनके समकक्ष 41,259 रुपये प्रति माह जिला स्तरीय अधिकारी 34,287 रुपये प्रति माह