उत्तराखंड

Uttarkahand News:देहरादून में ठगी करने वाले दिल्ली के ठग गिरोह को नैनीताल से गिरफ्तार

देहरादून: हरिद्वार गंगा में डुबकी लगाने के आए दिल्ली के ठग गिरोह के सदस्यों ने देहरादून पहुंचकर दो व्यक्तियों को 150 रुपये की नकली घड़ी दिखाकर उनसे सोने की चेन व 90 हजार रुपये ठग लिए। शहर कोतवाली पुलिस ने आरोपितों को नैनीताल से गिरफ्तार किया है। आरोपितों के पास से सोने की चेन, एक सोने की अंगूठी, दो हाथ की घड़ी, 83 हजार रुपये नकद व एक कार बरामद की है।

पत्रकारों से बात करते हुए पुलिस अधीक्षक नगर सरिता डोबाल ने बताया कि 25 अगस्त को लुनिया मोहल्ला निवासी रविंदर प्रसाद ने सूचना दी कि वह चाट वाली गली घंटाघर के निकट निजी काम से गया हुआ था। अज्ञात व्यक्ति ने उन्हें बातों में फंसाया और घड़ी को सोने की बताते हुए उन्हें नकली घड़ी थमाई और उनसे चेन लेकर फरार हो गए। इससे पूर्व जून महीने में इसी तरह की घटना सामने आई थी, जहां अज्ञात व्यक्तियों ने मोहब्बेवाला निवासी इंद्रपाल को नकली सोने की घड़ी देकर उनसे 90 हजार रुपये ठग लिए। दोनों अपराध एक ही गिरोह ने किए थे, ऐसे में सीसीटीवी कैमरे चेक कर उनकी तलाश शुरू कर दी गई।

एसपी सिटी ने बताया कि आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए शहर कोतवाल विद्याभूषण नेगी की देखरेख में तीन टीमें बनाई गई। पुलिस की दो टीमें कैमरे खंगालने पर जुटी रही। पुलिस की टीम हरिद्वार, नजीबाबाद, काशीपुर के सीसीटीवी कैमरों को चेक करते हुए नैनीताल पहुंच गई। यहां से पता चला कि आरोपित तल्लीताल स्थित एक होटल में रुके हैं। पुलिस टीम ने आरोपितों को होटल के बाहर से गिरफ्तार कर लिया।

आरोपितों की पहचान

  1. सुदर्शन पार्क मोती नगर पश्चिमी दिल्ली,
  2. रोहताश नगर शाहदरा दिल्ली निवासी सुनील अग्रवाल,
  3. महिला कालोनी गांधी नगर दिल्ली निवासी नरेंद्र कुमार और
  4. बसई धारापुर मोतीनगर पश्चिम दिल्ली निवासी अजय मैदान के रूप में हुई है।

इंस्पेक्टर विद्याभूषण नेगी ने बताया कि बुजुर्गों से ठगी की घटनाओं के बाद जब आसपास सीसीटीवी कैमरे खंगाले गए तो उसमें एक कार जाती हुई दिखाई दी। कार का नंबर निकालकर सर्विस सेंटर से पता करवाया गया कि वाहन की सर्विस कब हुई। जांच में पता चला कि एक महीने ही कार की सर्विस करवाई थी। पुलिस ने सर्विस सेंटर से मोबाइल नंबर लेकर नंबर की लोकेशन निकलवाई, जोकि हरिद्वार से नजीबाबाद होते हुए काशीपुर व नैनीताल आई। पुलिस टीम लोकेशन को देखते हुए वहां तक पहुंच गई, जहां वह ठहरे हुए थे।

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