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एमबीबीएस दाखिले में फर्जीवाड़ा: एचएनबी मेडिकल विश्वविद्यालय की ओर से पांच अभ्यर्थियों के अलॉटमेंट लेटर रोक दिए

उत्तराखंड: एमबीबीएस में दाखिले को लेकर युवाओं का फर्जीवाड़ा सामने आया है। जिसे लेकर एचएनबी मेडिकल विश्वविद्यालय की ओर से पांच अभ्यर्थियों के अलॉटमेंट लेटर रोक दिए हैं और इसकी रिपोर्ट बनाकर शासन को भेजी है। शासन से इस संबंध में मार्गदर्शन मांगा गया है। वहीं अभ्यर्थियों को भी नोटिस जारी कर उनका स्पष्टीकरण तलब किया है।

दरअसल, उत्तराखंड के मेडिकल कॉलेजों में दाखिलों को लेकर एचएनबी मेडिकल विश्वविद्यालय की ओर से ऑनलाइन काउंसिलिंग कराई जा रही है। विश्वविद्यालय को कई लोगों ने गलत दस्तावेजों के आधार पर यूपी और उत्तराखंड में काउंसिलिंग में शामिल होaने की जानकारी दी गई। विश्वविद्यालय स्तर पर जब जांच पड़ताल की गई तो पता चला कि दोनों जगहों पर मूल निवास और जाति प्रमाण अलग-अलग प्रदेशों के लगाए गए हैं। इससे प्रतीत हो रहा है कि किसी एक जगह फर्जी प्रमाण पत्र तो नहीं बनवाए गए हैं। कुलपति प्रो. हेमचंद्र पांडेय, परीक्षा नियंत्रक प्रो. विजय जुयाल के मुताबिक पांच ऐसे मामले सामने आए हैं। जिनमें उत्तर प्रदेश में यूपी का मूल निवास, जाति प्रमाण पत्र लगाया गया है, वहीं उन्हीं अभ्यर्थियों ने यहां पर उत्तराखंड का मूल निवास और जाति प्रमाण पत्र लगाकर काउंसिलिंग में प्रतिभाग किया। ऐसे अभ्यर्थियों को सीट तो आवंटित कर दी गई है, लेकिन उनके अलॉटमेंट लेटर रोक लिए गए हैं। शासन से इस संबंध में मार्गदर्शन मांगा है। उसके बाद ही कोई निर्णय लिया जाएगा।

पहली काउंसिलिंग में 7 फरवरी तक दाखिले

विश्वविद्यालय की ओर से चल रही पहले चरण की काउंसिलिंग में 7 फरवरी तक दाखिले होंगे। मेरिट के बाद रिजल्ट जारी कर दिया गया है। वहीं अभ्यर्थियों ने कॉलेजों में सत्यापन के लिए रिपोर्ट करना शुरू कर दिया है। दून मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डा. आशुतोष सयाना ने कहा कि छात्रों के दाखिले के लिए एक विशेष टीम लगाई गई है, उनके मेडिकल संबंधी कार्यों के लिए भी चिकित्सकों एवं कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है। सभी जांच एवं पर्चे निशुल्क बनाए जा रहे हैं।

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