जल जीवन मिशन के तहत 27 टेंडर जारी करने के बाद निरस्त करने के मामले में हाईकोर्ट पहुंचे ठेकेदार
पेयजल निगम के मुख्य अधिकारियों से मांगा जवाब
देहरादून: जल जीवन मिशन के तहत हर घर नल से जल पहुंचाने की योजना के 27 टेंडर जारी करने, अनुबंध करने के बाद उन्हें निरस्त करने के मामले में ठेकेदार हाईकोर्ट पहुंच गए। हाईकोर्ट ने मामले में पेयजल निगम के मुख्य अभियंता मुख्यालय सहित संबंधित अधिकारियों से जवाब मांगा है। मामले में अगली सुनवाई 18 सितंबर को होगी। दरअसल, पौड़ी जिले में निर्माण शाखा के अधिशासी अभियंता पीसी गौतम ने जल जीवन मिशन के तहत विभिन्न कार्यों के 27 टेंडर मांगे थे। इन सभी टेंडर को जारी करने के बाद उन्होंने अनुबंध भी कर दिया था। इस बीच 24 सितंबर 2022 को तत्कालीन अधीक्षण अभियंता संजय सिंह (वर्तमान में मुख्य अभियंता, मुख्यालय व गढ़वाल) ने ये कहते हुए सभी टेंडर निरस्त कर दिए थे कि इनकी शिकायत जल संस्थान ठेकेदार संघ पौड़ी ने की है, जिसमें पारदर्शिता नहीं बरती गई।
उन्होंने अधिशासी अभियंता को निर्देश दिए थे कि संबंधित सहायक अभियंताओं को चेतावनी देते हुए दोबारा टेंडर निकाले जाएं। साथ ही टेंडर हासिल करने वालों के अन्य योजनाओं की एफडीआर, सीडीआर जमा कराने वाले अकाउंटेंट को कहीं और स्थानांतरित करने को भी कहा था। टेंडर निरस्तीकरण को गलत ठहराते हुए याची सकलानंद लखेड़ा हाईकोर्ट चले गए थे। हाईकोर्ट में मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी और न्यायाधीश राकेश थपलियाल की पीठ ने मामले की सुनवाई की। याचिकाकर्ता ने मांग की कि इस पूरे प्रकरण में पेयजल निगम के मुख्य अभियंता मुख्यालय को भी पक्ष बनाया जाए। हाईकोर्ट ने उनके अनुरोध को मानते हुए नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। अब मामले की अगली सुनवाई 18 सितंबर को होगी।
जल जीवन मिशन के तहत प्रदेशभर में कुल 16,051 डीपीआर तैयार हुई थीं। इनमें से 15,978 के टेंडर जारी हो चुके हैं, 73 के टेंडर जारी नहीं हुए। विभाग के मुताबिक, अभी तक 10,460 का काम पूरा हो चुका है। 5478 का काम जारी है। इसी प्रकार, हर घर जल सर्टिफिकेट देने का राष्ट्रीय औसत 38.39 प्रतिशत है जबकि उत्तराखंड का 14.10 प्रतिशत है। जल जीवन मिशन योजना को पूरी करने में पेयजल निगम पर दबाव लगातार बढ़ता जा रहा है। अगस्त माह में 1310.79 करोड़, सितंबर में 2072.37, अक्तूबर में 2665.13, नवंबर में 3305.85, दिसंबर में 4021.80 करोड़ खर्च करने का लक्ष्य है। एक माह में इतनी राशि कैसे खर्च होगी, अभी यह पहेली बना हुआ है। योजना के तहत प्रदेशभर में 14 लाख 93 हजार 81 घरों में पानी के कनेक्शन देने हैं, जिनमें से 11 लाख 96 हजार 339 को ही कनेक्शन दिए गए हैं।