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शिक्षा की गुणवत्ता पर रहा फोकस, अगले महीने लागू कर दी जाएगी उत्तराखंड में नई शिक्षा नीति

देहरादून:- सूबे में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए शीघ्र सेंट्रल कमांड एंड कन्ट्रोल सिस्टम स्थापित किया जायेगा। ताकि राज्य स्तर पर शैक्षणिक एवं गैर-शैक्षणिक गतिविधियों की निगरानी कर शैक्षणिक प्रदर्शन को ज्यादा प्रभावी व जवाबदेही बनाया जा सके। इसके अलावा स्कूल मैनेजमेंट, लर्निंग मैनेजमेंट एवं ईआरपी विकसित की जायेगी जिससे सभी सूचनाएं एक ही प्लेटफार्म पर डिजीटल रूप में उपलब्ध हो सकेगी।

यह बात सूबे के शिक्षा मंत्री डॉ0 धन सिंह रावत ने आज गुजरात में आयोजित शिक्षा मंत्रियों के राष्ट्रीय सम्मेलन में प्रस्तुतिकरण देते हुये कही। अपने प्रस्तुतिकरण में डॉ0 रावत ने बताया कि उत्तराखंड में शिक्षा के सुधार के लिये राज्य सरकार बड़े फैसले ले रही है। उन्होंने बताया कि राज्य में शैक्षणिक एवं गैर-शैक्षणिक गतिविधियों को पारदर्शी एवं जवाबदेह बनाने के लिए शीघ्र सेंट्रल कमांड एंड कन्ट्रोल सिस्टम स्थापित किया जायेगा। इसके अलावा स्कूल मैंनेजमेंट, लर्निंग मैनेजमेंट एवं ईआरपी विकसित की जायेगी जिससे सभी सूचनाएं एक ही प्लेटफार्म पर डिजीटल रूप में उपलब्ध हो सकेगी। जिससे शिक्षण कार्य में संलग्न शिक्षकों से बार-बार मांगी जाने वाली सूचनाओं से बचा जा सकेगा और शिक्षण कार्य भी प्रभावित नहीं होंगे।

डॉ0 रावत ने बताया कि राज्य में नई शिक्षा नीति-2020 के क्रियान्वयन को लेकर युद्ध स्तर पर काम चल रहा है और आगामी जुलाई माह में एनईपी को लागू कर दिया जायेगा। उन्होंने बताया कि एनईपी के क्रियान्वयन के लिए राज्य स्तर पर टॉस्क फोर्स एवं स्टेयरिंग कमेटी गठित की जा चुकी है। पूर्व प्राथमिक/बालवाटिका के क्रियान्वयन का काम अंतिम चरण में है। डॉ0 रावत ने बताया कि स्टेट कैरिकुलम फ्रेमवर्क के लिए निर्धारित सर्वेक्षण पूर्ण किये जा चुके हैं साथ ही राज्य स्तर पर निर्धारित 25 फोकस पेपर एवं जनपद स्तर से 16 विमर्श आख्याएं निर्धारित समय पर राष्ट्रीय पोर्टल पर अपलोड कर दी गई हैं। निपुण भारत मिशन का गठन, एनसीईआरटी की ‘बरखा’ सीरीज का गढ़वाली एवं कुमाऊंनी भाषा में अनुवाद किया जा चुका है। कोविड महामारी के कारण उपजी परिस्थितियों को देखते हुए लर्निंग गैप को करने करने लिए योजना तैयार की गई है। डॉ0 रावत ने बताया कि प्रदेशभर में प्रत्येक वर्ष माह अप्रैल में प्रवेशोत्सव आयोजित कर सभी बच्चों को शिक्षा की मुख्यधारा में लाने का प्रयास किया जा रहा है। इसके अलावा छात्र-छात्राओं के रियल टाइम आंकलन के लिए वर्तमान शैक्षिक सत्र से असेसमेंट पोर्टल उपयोग में लाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि राज्य के 200 विद्यालयों में व्यावसायिक पाठ्यक्रम संचालित किये जा रहे हैं जिसके लिये 255 प्रयोगशालाएं बनाई गई हैं।

इस वर्ष शिक्षा विभाग द्वारा 200 अन्य विद्यालयों में व्यावसायिक शिक्षा पाठ्यक्रम लागू किये जाने हैं। डॉ0 रावत ने बताया कि शिक्षा के क्षेत्र में राज्य द्वारा संचालित गतिविधियों एवं भविष्य की योजनाओं को केन्द्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान सहित अन्य राज्यों के शिक्षा मंत्रियों द्वारा खूब सराहा गया।

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