उत्तराखंड

पत्र – गोल्डन कार्ड में व्याप्त खामियों व अव्यवस्थाओं का सरलीकरण व कार्मिक भावनाओं के अनुरूप निराकरण किये जाने के सम्बन्ध में

देहरादून:- राज्य सरकार के स्तर से प्रदेश के कार्मिकों, शिक्षकों, पेंशनर्स के प्रति माह अंशदान से कटौती के आधार पर संचालित गोल्डन कार्ड योजना को कड़े संघर्ष उपरान्त CGHS की दरों पर लागू कराये जाने सम्बन्धी व्यवस्था लागू करायी गयी थी. परन्तु मात्र कागजों में ही यह योजना सीमित है तथा धरातल पर राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण के स्तर से योजना अव्यवस्थित व खामियां भरी है. प्रदेश का कार्मिक, शिक्षक, पेंशनर्स प्रतिमाह अंशदान की कटौती के उपरान्त भी बेहतर चिकित्सा सुविधा से वंचित है, राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण का रवैया इस सम्बन्ध में अत्यन्त उदासीन रहा है, तथा प्राधिकरण प्रारम्भ से ही कार्मिकों, शिक्षकों व पेंशनर्स की चिकित्सा सुविधा के प्रति उपेक्षापूर्ण उत्तरदायी बना रहा है। प्राधिकरण के विरुज आक्रोश व्यक्त करते हुये धरना प्रदर्शन व एक दिवसीय घेराव कार्यक्रम करने की अति आवश्यकता अनुभव की गयी तथा आज दि० 08.082022 को यह कार्यक्रम सम्पन्न किया गया, सचिवालय सहित प्रदेश के समस्त कार्मिक, शिक्षक, पेंशनर्स वर्ग में स्वास्थ्य विभाग व प्राधिकरण के विरूद्ध आक्रोशित है तथा गोल्डन कार्ड की सुविधा को कार्मिक भावनाओं के अनुरूप बनाये जाने हेतु महासंघ दृढ संकल्पित है। महासंघ की ओर से कार्मिक भावनाओं के अनुरूप निम्न मांग की जाती है

1. गोल्डन कार्ड के एवज में विगत 02 वर्षों से प्रतिमाह की गयी अंशदान कटौती की धनराशि कार्मिक,शिक्षक पेंशनर्स को Refund की जाय।

2. गोल्डन कार्ड की समस्त खामियों / अव्यवस्थाओं को सरलीकरण की व्यवस्था के आधार पर दूर किये जाने तक किसी प्रकार का कोई अंशदान कटौती न की जाय।

3. धरातल पर योजना के क्रियान्वित हो जाने की तिथि से ही अग्रेत्तर प्रतिमाह अंशदान की कटौती की जाय।

4. जब तक गोल्डन कार्ड की योजना पूर्ण रूप से कार्मिकों की भावनाओं के रूप उपयोगी नहीं हो जाती. तब तक समान्तर रूप से वैकल्पिक व्यवस्था के रूप में चिकित्सा प्रतिपूर्ति की पूर्व व्यवस्था को लागू किया जाय।

5. गोल्डन कार्ड की सुविधा IPD/OPD दोनों रूप से कैशलेस की जाय।

उपरोक्त मांगों का समाधान तत्काल सुनिश्चित कराते हुये महासंघ द्वारा किये जा रहे गोल्डन कार्ड की अव्यवस्थाओं के संघर्ष के निराकरण हेतु तत्काल महासंघ एवं शासन के सक्षम अधिकारियों के साथ समाधान बैठक आहूत करते हुये प्रदेश कार्मिको, शिक्षकों, पेंशनर्स व उनके परिवार के आश्रितों की इस विकट समस्या का समाधान निकालने का कष्ट करें अन्यथा प्रदेश स्तर पर एक बड़ा आन्दोलन तय कर दिया जायेगा

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