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ज्ञानवापी परिसर में सर्वे के लिए और समय मांगने पर मुस्लिम पक्ष ने जताई आपत्ति

ज्ञानवापी परिसर का सर्वे पूरा करने और रिपोर्ट पेश करने के लिए 8 सप्ताह का समय मांगने के एएसआई के प्रार्थना पत्र पर मुस्लिम पक्ष यानी अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी ने विरोध किया है। सोमवार को जिला जज की अदालत में मसाजिद कमेटी ने आपत्ति दाखिल कर कहा कि जो हलफनामा कोर्ट में दिया है उसके विपरित सर्वे किया जा रहा है।

भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) को जीपीआर तकनीक से सर्वे की अनुमति है लेकिन ज्ञानवापी परिसर में जगह-जगह खोदाई की जा रही है। मलबे को ट्रक से हटाया जा रहा है। एएसआई टीम द्वारा हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन किया जा रहा है। ऐसी स्थिति में सर्वे के लिए और समय नहीं देकर न्याय किया जाए।

एएसआई ने की है 56 दिन की मांग

इस पर जिला जज की अदालत ने मामले की सुनवाई के लिए 8 सितंबर की तिथि तय की। इसी दिन ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी मूल वाद में लंबित अन्य आवेदनों पर भी सुनवाई होनी है। फिलहाल, सर्वे जारी है। इसकी रिपोर्ट अदालत को नहीं दी जा सकी है। बीते शुक्रवार को ही एएसआई ने ज्ञानवापी के सर्वे और उसकी रिपोर्ट तैयार करने के लिए आठ सप्ताह (56 दिन) का समय मांगा था।

एएसआई की तरफ से स्टैंडिंग काउंसिल अमित श्रीवास्तव ने कहा कि ज्ञानवापी परिसर का एएसआई वैज्ञानिक जांच-सर्वे कर रहा है। पुरातत्वविदों, पुरालेखविदों, सर्वेक्षणकर्ताओं, फोटोग्राफर, वीडियोग्राफर और अन्य तकनीकी कर्मियों की टीम लगी है। राष्ट्रीय भूभौतिकीय अनुसंधान संस्थान (एनजीआरआई), हैदराबाद के विशेषज्ञों की एक टीम जीपीआर सर्वे कर रही है। प्राप्त आंकड़ों का विश्लेषण और अध्ययन भी किया जा रहा है।
एएसआई ने कहा- मलबे की सफाई में लग रहा वक्त

स्टैंडिंग काउंसिल ने दाखिल अर्जी के माध्यम से कहा कि सर्वे और जांच के दौरान बहुत सारी वस्तुएं मिली हैं। ढीली मिट्टी और निर्माण सामग्री है। ईंट, कचरा व मलबा मिल रहा है। वैज्ञानिक रूप से संरचनाओं की जांच करने के लिए कार्यशील फर्श के स्तर से ऊपर के मलबे आदि की सफाई जारी है। चूंकि अदालत ने सभी तहखानों की जमीन के नीचे सर्वेक्षण करने का निर्देश दिया है, इसलिए यह आवश्यक है कि वहां डंप या जमा मलबा खड़े ढांचे को कोई नुकसान पहुंचाए बगैर हटा दिया जाए। मलबा बहुत सावधानी से और व्यवस्थित ढंग से हटाया जा रहा है, जो एक धीमी प्रक्रिया है। न्यायालय के निर्देशानुसार सभी तहखानों की जमीन के सर्वे के लिए साफ करने में कुछ और समय लगेगा। ऐसे में सम्मानपूर्वक प्रार्थना की जाती है कि रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए एएसआई को आठ सप्ताह का और समय दिया जाए।

दूसरी बार लगाई समयसीमा बढ़ाने की अर्जी

एएसआई ने सर्वे को आगे बढ़ाने और रिपोर्ट दाखिल करने के लिए दूसरी बार समय मांगा है। जिला जज की अदालत ने 21 जुलाई को जो आदेश दिया था, उसमें कहा था कि दो अगस्त तक सर्वे रिपोर्ट मुहैया कराई जाए। बाद में मामला हाईकोर्ट, सुप्रीम कोर्ट में चला गया। जब तीन अगस्त को सर्वे जारी रखने का आदेश आया तो एसआई ने समयसीमा बढ़ाने की अर्जी लगाई। इसे जिला जज की अदालत ने स्वीकार किया और सर्वे की रिपोर्ट दो सितंबर तक दाखिल करने का आदेश दिया। अब एएसआई ने फिर समयसीमा बढ़ाने की अर्जी लगाई है।

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