उत्तराखंडराष्ट्रीय

अब राशन की दुकानों तक सरकार खुद पहुंचाएगी खाद्यान्न राज्य सरकार ने शुरु की डोर स्टेट डिलीवरी

उत्तराखंड:- सरकारी सस्ते गल्ले की दुकानों में कालाबाजारी रोकने के लिए उत्तराखंड सरकार ने नई व्यवस्था शुरू कर दी है। सरकार ने सरकारी खाद्यान्न उपलब्ध कराने के लिए डोर स्टेट डिलीवरी शुरू की है। पुरानी व्यवस्था के तहत राशन विक्रेता सरकारी गोदाम से अनाज उठाते थे लेकिन यह अनाज गोदाम से उठने के बाद कहां जाता था और कैसे ठिकाने लगाया जाता था इसे लेकर हमेशा से ही उंगलियां उठती आ रही थी।

पहले चरण में चार जनपदों में होगा प्रयोग
इस नई व्यवस्था के बाद सरकार खुद राशन विक्रेता की दुकान तक खाद्यान्न पहुंचाएगी। योजना को जल्द ही शुरू कर दिया जाएगा और इसके प्रथम चरण में राजधानी देहरादून के अलावा हरिद्वार उधम सिंह नगर एवं नैनीताल को जोड़ा गया है। या राशन राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत गरीबों को बेहद कम दर पर मुहैया कराया जाता है जिसमें बीपीएल के कार्ड मुख्य तौर पर शामिल किए जाते हैं। राशन विक्रेता इस खाद्यान्न कोटा को उठाने के लिए गोदाम जाते थे लेकिन अब यह जिम्मेदारी सरकारी एजेंसी खुद उठाएगी।

दलील दी जा रही है कि गोदामों से माल उठाने और उसे लाभार्थियों तक पहुंचाने के बीच काफी घालमेल कर दिया जाता था और अधिकांश माल कालाबाजारी की भेंट झड़ जाता था। क्योंकि अब माल सरकार की ओर से दुकान तक पहुंचाया जाएगा तो ना केवल इसकी पूरी सुपुर्दगी दर्ज होगी बल्कि इस कार्य को जीपीएस प्रणाली से भी जोड़ा जाएगा। यानी कि माल गोदाम से निकलने के बाद सीधा राशन विक्रेता की दुकान तक पहुंचेगा। इस बीच यदि कोई गड़बड़ी करने की कोशिश करता है तो तत्काल प्रकाश में आ जाएगा। अक्सर शिकायतें आती थी कि गरीबों को उनके हक का कम दर का राशन नहीं मिल पा रहा है जिसे लेकर खाद्य विभाग लगातार व्यवस्था बनाने की कोशिश कर रहा था।

गोदाम से दुकानो कि बीच होने वाले प्रपंच से मिलेगी मुक्ति
कहां जा रहा है कि डोर स्टेट डिलीवरी शुरू होने के बाद उम्मीद की जा रही है कि कालाबाजारी पर रोकथाम लगेगी और गोदाम से तयशुदा उपभोक्ताओं के नाम पर लिया गया राशन लाभार्थियों तक शत प्रतिशत तौर पर पहुंचाया जा सकेगा। सस्ते गल्ले की दुकानों में चीनी एवं अन्य उत्पादों में रोक लगने के बावजूद आज भी सरकारी राशन की दुकानें लेने के लिए मारामारी मची रहती है और इसके पीछे सीधा सा कारण कालाबाजारी से जुड़ा हुआ है। सरकार की ओर से कई बार कम मूल्य का राशन उपभोक्ताओं तक उपलब्ध कराने के लिए कई नीतियां बनाई लेकिन अधिकांश प्रयास विफल साबित हुए।

सरकारी योजना राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत गरीब उपभोक्ताओं को शत प्रतिशत खाद्यान्न उपलब्ध कराने के लिए डोर स्टेट डिलीवरी शुरू तो की गई है लेकिन जो कार्य गोदाम से दुकान तक आने के बीच तय होता था, उसे लेकर अभी भी यह निश्चित नहीं है कि दुकानों से या कालाबाजारी नहीं होगी

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *