उत्तराखंड

ऋषिकेश नगर निगम पर 76 लाख से अधिक के घोटाले का आरोप, पूर्व पालिका अध्यक्ष दीप शर्मा ने किया बड़ा खुलासा

सक्षम अधिकारियों से जांच करवाकर की जाए कार्रवाई : दीप शर्मा

ऋषिकेश: पूर्व पालिका अध्यक्ष दीप शर्मा ने ऋषिकेश नगर निगम पर 2020-2021 में खरीदे गए चूने के साथ अन्य सामग्री की खरीद में 76 लाख रुपये से अधिक के घोटाले का आरोप लगाते हुए सक्षम अधिकारी के विरुद्ध कार्रवाई किए जाने की मांग की है। यह आरोप दीप शर्मा ने ऋषिकेश प्रेस क्लब में आयोजित पत्रकार वार्ता के दौरान लगाते हुए कहा कि उक्त खुलासा भारत सरकार के नियंत्रण महालेखा परीक्षक द्वारा वर्ष 2021- 22 के प्रतिवेदन में किए गए ऑडिट में किया गया है, जिसमें कहा गया है कि कोरोना काल के दौरान चूना, ब्लीचिंग पाउडर,मलाथयम पाउडर, की खरीद संविदा आमंत्रित कर बाजार भाव से खरीदी जानी थी। यह निविदा एक वर्ष के लिए लागू थी। इस दौरान बाजार भाव पर भी नजर रखे जाने के लिए निर्देशित किया गया, जिसमें कहा गया था, कि यह सारी खरीदारी जेम पोर्टल के माध्यम से की जाएगी, लेकिन ऑडिट की रिपोर्ट में कहा गया कि नगर निगम ऋषिकेश के अभिलेखों की जांच से पता चला है कि वर्ष 2020-21 के माह अगस्त में लाइम पाउडर एवं ब्लीचिंग सेनेटाइजर 103 करोड़ की खरीद कोटेशन के आधार पर एक फर्म से लिया गया है।

इसके अलावा कम दरों का लाभ प्राप्त करने और जीईएमपोर्टल पर सामग्री की खरीद के लिए कोई प्रयास नहीं किए गए हैं। जांच में यह भी पता चला कि इकाई ने उक्त सामग्री की खरीद जीईएम पोर्टल पर उपलब्ध कीमत से 4 guna अधिक कीमत पर की गई थी। परिणाम स्वरूप 76.61 का व्यय अतिरिक्त किया गया है। ऑडिट रिपोर्ट में यह भी सामने आया कि 2019-20 में चुना पाउडर अन्य फर्म से ₹418 प्रति क्विंटल की दर से कोटेशन के आधार पर खरीदा जा रहा था और अप्रैल 2020 में चुना पाउडर फीस ₹3500 की दर से खरीदा गया है, क्योंकि 2019-20 की तुलना में 8 guna अधिक है।

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जांच में यह भी पता चला कि यह खरीद Uttar Pradesh नगर निगम 1959 नियम 123 का उल्लंघन करते हुए की गई है,जो कि 103 करोड़ की सामग्री नगर निगम बोर्ड के प्रस्ताव के अनुमोदन के बिना खरीदी गई थी। जांच के दौरान यह भी पता चला कि नगर आयुक्त ने इस संबंध में जो जवाब दिया था, उसमें कहा गया कि जो सामान खरीदा जा रहा है, वह मांग के अनुसार है।

इसमें आश्वासन दिया कि भविष्य में जेम पोर्टल का उपयोग करके ही अन्य सामान खरीदा जाएगा, लेकिन कोविड-19 (Covid-19) महामारी (Epidemic) के कारण सक्षम अधिकारी के आदेश के अनुसार बहुत अधिक दर पर खरीदा गया था। उनका दिया गया जवाब तर्कसंगत नही था,क्योंकि आपूर्तिकर्ता द्वारा खरीदी गई सामग्री की दरों की तुलना नहीं की गई थी।

इस प्रकार विभाग नियमों का अनुपालन करने और पारदर्शिता बनाए रखने में पूरी तरह से विफल रहा है। परिणाम स्वरूप की गई खरीद में 76. 60 लाख का अधिक व्यय किया गया है। दीप शर्मा ने इस संबंध में सक्षम अधिकारी से जांच करवा कर नगर निगम के अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई किए जाने की मांग की है।

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