अंतर्राष्ट्रीय

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन 9 मई को इस युद्ध का अंत करना चाहते हैं

रूस: खुफिया एजेंसियों ने दावा किया है कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन 9 मई को इस युद्ध का अंत करना चाहते हैं। अधिकारियों के मुताबिक, रूस के लिए यह दिन बेहद खास होता है, क्योंकि 70 साल पहले रूस ने इसी दिन को नाजियों पर अपनी जीत के दिन के तौर पर चिह्नित किया था। रूस में इस दिन को विक्ट्री डे यानी विजय दिवस के तौर पर भी मनाया जाता है और यह दिन बिल्कुल किसी त्योहार की तरह ही सेलिब्रेट होता है।

विक्ट्री डे का रूस में क्या महत्व है, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि रूस में इस दिन स्कूल से लेकर व्यापार तक बंद रहते हैं और सबी शहरों में सैन्य परेडों का आयोजन होता है। जर्मनी की नाजी सेना ने 1945 में इसी दिन रूसी सेना के सामने सरेंडर कर दिया था।

रूस-यूक्रेन युद्ध का एक महीना पूरा

रूस ने 24 फरवरी को यूक्रेन पर हमला किया था। तारीख के हिसाब से देखें तो इस जंग को एक महीना पूरा हो चुका है और यह अब भी जारी है, लेकिन इसका कोई नतीजा नहीं निकल सका है। दोनों देश अपने-अपने रुख पर कायम है। एक तरफ जहां राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन अपनी सेना के साथ यूक्रेन पर आक्रामक होते जा रहे हैं वहीं यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की भी हथियार डालने के लिए तैयार नहीं हैं।

मॉस्को और कीव दोनों के लिए यह साफ हो चुका है कि यह युद्ध आसानी से नहीं जीता जाएगा। हालांकि, अब तक के युद्ध में अपनी जीवटता की वजह से जहां जेलेंस्की ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी छवि मजबूत की है वहीं रूस आर्थिक और भू-राजनीतिक दोनों रूप से तेजी से अलग-थलग पड़ता दिख रहा है। एक नजर में देखते हैं कि अब तक के युद्ध में यूक्रेन या रूस किसका अधिक नुकसान हुआ है।

यूक्रेन ने क्या गंवाया?

करीब एक महीने के युद्ध में लगातार हमलों के कारण यूक्रेन के कई शहरों में भारी तबाही मच गई है। रूस ने कीव, खारकीव और मारियुपोल में कई धमाके किए हैं। सबसे ज्यादा प्रभावित यूक्रेन का मारियुपोल शहर हुआ है, जहां लगातार बमबारी की जा रही है। इस शहर को लेकर संयुक्त राष्ट्र का कहना है कि यहां अभी तक करीब 1000 लोग मारे गए हैं।

रूसी सेना ने कीव के ओबोलोन में 30 रॉकेट दागे हैं। इससे दो इमारतों में आग लग गई। संयुक्त राष्ट्र, मीडिया रिपोर्ट, यूक्रेन के अधिकारियों के मुताबिक रूस के हमले से यूक्रेन की 1000 बिल्डिंग तबाह हो चुकी हैं और 3000 के करीब लोग मारे जा चुके हैं। संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त के कार्यालय ने कहा है कि इस युद्ध में कम से कम 902 नागरिक मारे गए हैं और 1459 घायल हुए हैं। इस युद्ध में अब तक 121 यूक्रेनी बच्चों की जान जा चुकी है। इसके अलावा 167 बच्चे घायल हुए हैं। कहा जा रहा है कि 5000 से अधिक यूक्रेनी सैनिक मारे जा चुके हैं।

रूस को अब तक कितना नुकसान?

यूक्रेन के अधिकारियों का दावा है कि उसने 15,000 से अधिक रूसी सैनिकों को मार गिराया है। अमेरिका और नाटो ने रूसी हताहतों की संख्या 3,000 से 10,000 के बीच का अनुमान लगाया है। वहीं रूसी टैब्लॉइड कोम्सोमोल्स्काया प्रावदा ने मरने वाले रूसी सैनिकों की संख्या 9,861 बताई है। इसके अलावा यूक्रेन का यह भी दावा है कि उसने रूस के 101 विमानों, 124 हेलीकॉप्टरों और 517 टैंक को तबाह कर दिया है।

24 फरवरी को देश में प्रवेश करते ही कीव पर कब्जा करना और जेलेंस्की की सत्ता को गिराना रूसियों का शीर्ष लक्ष्य था, लेकिन एक महीना गुजर जाने के बाद और 150,000 और 200,000 सैनिकों को युद्ध में उतार देने के बाद भी रूसी सेना अब तक कीव पर कब्जा नहीं कर पाई है। हालांकि, इस बीच अमेरिका और उसके पश्चिमी सहयोगियों ने पुतिन को अलग-थलग करने के लिए मॉस्को पर कई तरह के प्रतिबंध लगाए हैं और रूसी अर्थव्यवस्था को जबरदस्त झटका दिया है।

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