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संसद का विषेश सत्र : पीएम मोदी ने भवन के ऐतिहासिक पलों को याद करते हुए बोले “पुराना संसद भवन नई पीढ़ी को प्रेरणा देता रहेगा”

आज से संसद भवन में 5 दिन का विषेश सत्र शुरु हुआ है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा को संबोधित किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि ऐतिहासिक भवन से विदा ले रहे हैं। देश के लिए आगे बढ़ने का अवसर है. देश के लोगों का पसीना संसद भवन के निर्माण में लगा है। 75 साल की यात्रा में कई उत्तम सृजन हुए है। पुराना संसद भवन नई पीढ़ी को प्रेरणा देता रहेगा।

पूरे विश्व में भारत के गौरव की चर्चा हुई है। नए भवन में जाने से पहले इतिहास का स्मरण हो रहा है। चंद्रयान-3 की सफलता से देश अभिभूत है। प्रेरक पलों को यादकर आगे बढ़ने का अवसर है। G-20 की सफलता देशवासियों की है। चारों तरफ भारतवासियों की उपलब्धि है। G-20 की सफलता किसी दल की सफलता नहीं है। भारत विश्वमित्र के रूप में अपनी जगह बना पाया। पुराने भवन से विदा लेना भावुक पल है।

इस सदन से बहुत सी यादें जुड़ी हैं। पुराना घर छोड़ना सभी के लिए भावुक पल है। प्लेटफॉर्म पर रहने वाला संसद पहुंच गया है। सोचा नहीं था कि इतना सम्मान मिलेगा। पहली बार यहां आया था तो मत्था टेककर आया था। 75 साल में यहां हमारे कई सपने साकार हुए. मेरा प्रधानमंत्री बनना लोकतंत्र की ताकत है। माताओं, बहनों ने सदन की गरिमा को बढ़ाया। देश ने मुझे बहुत सम्मान दिया। गरीब का बेटा प्रधानमंत्री बना।

यहां 2 साल 11 महीने संविधान सभा की बैठक हुई। वहीं संविधान जो हमें चलाता है। कोरोना काल में भी राष्ट्र का काम नहीं रुका। संसद के प्रति लोगों का विश्वास बढ़ता गया है। पूर्व प्रधानमंत्रियों ने सदन को समृद्ध किया। आज सभी को इस सदन में याद करने का दिन है। लोकतंत्र के इस मंदिर पर हमला भी हुआ है। जिन्होंने सीने पर गोलियां झेली उन्हें नमन। सदन के कर्मचारियों का योगदान नहीं भुला सकते। कई पत्रकार साथी संसद के जीवंत साक्षी रहे है। आज बड़े नेताओं के गौरवगान का समय है। पंडित नेहरू की गूंज आज भी दिशा देती है।

इसी के साथ पीएम मोदी ने आगे कहा किनेहरू जी के शब्द हमें प्रेरित करते हैं। अटलजी की आवाज की गूंज आज भी जिंदा है। डॉ मनमोहन जी ने इस देश को दिशा दी। देश ने 3 प्रधानमंत्रियों को कार्यकाल में खोया। इसी सदन ने इमरजेंसी जैसा काल देखा। इसी सदन में एक वोट से अटलजी की सरकार गई। इसी सदन में 3 राज्यों का गठन हुआ। इसी सदन में एक राष्ट्र एक कर का फैसला हुआ। इसी सदन से गरीबों को 10% आरक्षण मिला है।

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