अंतर्राष्ट्रीय

सालों तक अलग रहे पति-पत्नी, अपने बेटे और बेटी के साथ नेपाल यात्रा के लिए साथ जाने को राजी हुए, लेकिन विमान हादसे ने छीन ली जिंदगी

काठमांडू: नेपाल विमान हादसे के साथ ही एक भारतीय दंपती के मिलन का भी अंत हो गया। महाराष्ट्र में अशोक त्रिपाठी और ठाणे निवासी उनकी पत्नी अलग-अलग रह रहे थे। वे नेपाल यात्रा के लिए साथ जाने को राजी हुए थे। हम इस यात्रा को पुर्नमिलन भी कह सकते हैं, लेकिन कौन जानता था कि यह पुर्नमिलन उनके लिए अंतिम सफर साबित होगा। वे अपने बेटे और बेटी के साथ नेपाल घुमने जा रहे थे।

भारतीय दंपती के इस त्रासदीपूर्ण अंत से उनके चाहने वालों में शोक की लहर दौड़ गई है। ठाणे के कपूरबाड़ी पुलिस थाने के अधिकारी ने बताया कि, अशोक कुमार त्रिपाठी (54) ओडिशा में एक कंपनी चलाते थे, और उनकी पत्नी वैभवी बांदेकर त्रिपाठी (51) मुंबई स्थित बीकेसी में एक कंपनी में काम करती थीं। दोनों कोर्ट से आदेश लेकर अलग-अलग रह रहे थे। वैभवी, उनका बेटा धनुष, बेटी रितिका महाराष्ट्र के ठाणे के बालकम इलाके के रुस्तमजी में एथेना अपार्टमेंट में रहते थे।

परिवार में अब केवल वैभवी की 80 वर्षीय मां ही बची हैं, जो स्वास्थ्य खराब होने के चलते आक्सीजन सपोर्ट पर हैं। उन्हें घटना के बारे में अभी कुछ नहीं बताया गया है। वृद्धा की सबसे छोटी बेटी उनका देखभाल करती है। नेपाल विमान हादसे में चार भारतीय, जर्मनी के दो और 13 नेपाली नागरिक सवार थे। इसके अलावा तीन क्रू मेंबर भी थे। सभी की दुर्घटना में मौत हो गई। नेपाल विमान हादसे के साथ ही रविवार को इस दंपती के मिलन का भी अंत हो गया।

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