उत्तराखंड

बाघ प्रभावित क्षेत्र रिखणीखाल और नैनीडांडा को नहीं मिली बाघ की दहशत से निजात, लेकिन बीते दो दिनों से नहीं दिख रही बाघ की कोई गतिविधि

पौड़ी: बाघ प्रभावित क्षेत्र रिखणीखाल और नैनीडांडा को बाघ की दहशत से निजात नहीं मिल पा रही है। वन महकमे की टीमों ने प्रभावित गांवों में डेरा डाला हुआ है, लेकिन बीते दो दिनों से बाघ की कोई भी गतिविधि क्षेत्र में देखने को नहीं मिल पाई है। बाघ न तो ट्रैपिंग कैमरों में ही कैद हो पाया और न हीं गश्त कर रही वन विभाग की टीम को दिखाई दिया है। नैनीडांडा के तिलखेरा के ग्राम प्रधान सतेंद्र रावत ने बताया कि घोड़कंद तल्ला में लगातार बाघ देखने को मिल रहा है। वहीं अभी तक की जांच पड़ताल में यह साफ हो चुका है कि रिखणीखाल में दो और नैनीडांडा में एक बाघ सक्रिय है वन महकमे के कैमरों में ये ट्रैप हुए है।

बाघ ने पहले रिखणीखाल के डल्ला में तो उसके चार दिन बाद नैनीडांडा के भैड़गांव में हमला किया था। तभी से यहां बाघ को लेकर लोगों में दहशत बनी हुई है। वन संरक्षक गढ़वाल सर्किल पंकज कुमार ने बताया कि टीम क्षेत्र में बनी हुई है। लेकिन बीते दो दिनों से बाघ की कोई गतिविधि नजर नहीं आई है। बाघ प्रभावित क्षेत्र में लोगों को सतर्क रहने को कहा गया है और वन विभाग ग्रामीणों को जागरूक भी कर रहा है। वन्य जीव विशेषज्ञों की टीम ने भी यहां आकर जानकारी जुटाई है। क्षेत्र में तीन बाघ कैमरों में ट्रैप हुए है। इन पर नजर रखी जा रही है।

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