पूर्व मंत्री हरक सिंह रावत के करीबियों की माली हैसियत का पोस्टमार्टम शुरू
- ईडी एक्शन- हरक की करीबी पूर्व जिपं अध्यक्ष के बैंक लाकर में मिले लाखों के जेवर
- हरक के करीबियों में खलबली, लक्ष्मी कांग्रेस के टिकट पर लड़ चुकी है चुनाव
- कांग्रेस ने कहा, ईडी का दुरुपयोग कर रही भाजपा
देहरादून: प्रवर्तन निदेशालय ईडी ने पूर्व मंत्री व कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरक सिंह के करीबियों की माली हैसियत का पोस्टमार्टम शुरू कर दिया है। हाल ही में ईडी ने रुद्रप्रयाग की जिला पंचायत अध्यक्ष लक्ष्मी राणा के बैंक लाकर्स से लगभग 50 लाख के गहने बरामद कर हिसाब मांगा गया है। यह गहने घण्टाघर स्थित पंजाब नेशनल बैंक के लाकर्स से बरामद किए गए। ईडी अभी बाकी लाकर्स भी खोलेगी। इस कार्रवाई में कुछ और भी खास तथ्य उजागर होने की उम्मीद है। गौरतलब है कि लक्ष्मी राणा के बाद ईडी अन्य करीबियों पर भी नजरें बनाये हुई है। पूर्व मंत्री से जुड़े रहे कई लोगों की चल अचल संपत्ति की बारीक निगरानी की जा रही है।
सूत्रों का कहना है कि बीते दिवस पड़े छापे में ईडी कुछ अन्य करीबियों पर हाथ नहीं डाल पायी। ईडी इन लोगों की बीते सालों में बढ़े सम्पत्ति के ग्राफ की स्टडी कर रही है। सूत्रों का कहना है कि ईडी ऐसे लोगों की सूची बना रही है जिनकी कुछ साल पहले तक माली हालत कमजोर थी और अब करोडों की चल-अचल संपत्ति के मालिक बने हुए हैं। इस मसले पर ईडी को खास तथ्य हाथ लगे हैं। इधर, कांग्रेस का कहना है कि भाजपा अपने राजनीतिक विरोधियों के खिलाफ ईडी का दुरुपयोग कर रही है।
लक्ष्मी कांग्रेस के टिकट पर लड़ चुकीं है चुनाव
2016 में कांग्रेस की हरीश सरकार से बगावत करने वाले हरक सिंह की करीबी लक्ष्मी राणा को पार्टी से निकाल दिया गया था। लेकिन अचानक बदले राजनीतिक घटनाक्रम के तहत कांग्रेस ने 2017 में लक्ष्मी का निष्कासन वापस लेते हुए रुद्रप्रयाग विधानसभा से टिकट दे दिया। लेकिन लक्ष्मी राणा चुनाव नहीं जीत पाई थीं।
ईडी ने नगदी-जेवर किये थे बरामद
बीते 7/8 फरवरी को ईडी ने तलाशी के दौरान 1.10 करोड़ (लगभग) नगद, 80 लाख मूल्य का 1.3 किलोग्राम सोना, विदेशी मुद्रा राशि रु. 10 लाख (लगभग), बैंक लॉकर, डिजिटल उपकरण, अचल संपत्तियों से संबंधित भारी दस्तावेज़ बरामद और जब्त किए । हरक सिंह के दून स्थित आवास से 3 लाख कैश भी मिले थे।
छापे की कहानी
बीते सात फरवरी को ईडी ने कार्बेट पार्क के पाखरो रेंज में हुए घपले, जमीन खरीद व अन्य गड़बड़ियों को लेकर पूर्व वन मंत्री हरक सिंह रावत, आईएफएस, पूर्व डीएफओ किशन चंद, बृज बिहारी शर्मा व बीरेंद्र कंडारी के यहां छापे मारे थे। राज्य सरकार के कर्मचारी रहे बीरेंद्र सिंह कंडारी पूर्व मंत्री हरक सिंह के स्टाफ में लम्बे समय तक रहे। जबकि डीएफओ किशन चन्द्र शर्मा जिम कार्बेट की पाखरो सफारी घोटाले में चर्चा में रहे। और आय से अधिक सम्पत्ति के मामले में जेल भी जा चुके हैं। ईडी ने दिल्ली,दून, चंडीगढ़, काशीपुर, श्रीनगर,लैंसडौन, हरिद्वार,ऋषिकेश व गुड़गांव समेत 17 स्थानों पर छापे मारे थे।
छापे में जमीन खरीद से जुड़े दस्तावेज, लाकर्स, सोना,नगदी, विदेशी मुद्रा ,मोबाइल जब्त किए। काशीपुर से भाजपा नेता अमित सिंह को स्थानीय पुलिस ने गिरफ्तार भी किया। आय से अधिक सम्पत्ति के मामले में पूर्व डीएफओ किशन चंद जेल भी जा चुके हैं।