संसद के मॉनसून सत्र के दौरान लोकसभा के 4 कांग्रेस सांसदों के बाद राज्यसभा से 19 विपक्षी सांसद निलंबित
नई दिल्ली: संसद के मॉनसून सत्र के दौरान सदन के वेल में प्रवेश करने और नारेबाजी के लिए राज्यसभा के 19 सांसदों को निलंबित किया गया है। तृणमूल कांग्रेस सांसद सुष्मिता देव, डॉ. शांतनु सेन और डोला सेन सहित 19 सांसदों को सप्ताह के शेष भाग के लिए सस्पेंड किया गया है। निलंबित किए गए सांसदों में सुष्मिता देब, डॉ. शांतनु सेन, डोला सेन, मौसम नूर, शांता छेत्री, नदीमुल हक, अभीरंजन विश्वास (सभी तृणमूल कांग्रेस), हमीद अब्दुल्ला, आर गिरिरंजन, एनआर एलांगो, एम षनमुगम, एस कल्याणसुंदरम और कनिमोझी (सभी डीएमके), बीएल यादव, दामोदर राव दिवाकोंडा व रविहंद्रा वेद्दिराजू (सभी टीआरएस), एए रहीम व वी. शिवदासन (दोनों माकपा) और संतोष कुमार (भाकपा) शामिल हैं।
केंद्रीय मंत्री और बीजेपी नेता पीयूष गोयल ने कहा, सांसदों को निलंबित करने का फैसला भारी मन से लिया गया, वे लगातार चेयरमैन की अपील की अनदेखी कर रहे थे। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के कोविड संक्रमण से उबरने और संसद लौटने के बाद के बाद सरकार महंगाई के मुद्दे पर बहस के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा कि सदन ने निर्णय लिया कि जो सदस्य कार्यवाही में हिस्सा नहीं ले रहे हैं, उनको सस्पेंड किया जाए। हम बताना चाहते हैं कि भारत में अन्य देशों के मुकाबले महंगाई कम है विपक्ष चर्चा से भाग रहा है।
इस बीच सांसदों के निलंबन पर प्रतिक्रिया देते हुए तृणमूल कांग्रेस की ओर से कहा गया है, आप हमें सस्पेंड कर सकते हैं लेकिन हमें चुप नहीं करा सकतें दयनीय स्थिति…हमारे सांसद लोगों के मुद्दे उठाने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन उन्हें सस्पेंड किया जा रहा है। यह कब तक चलेगा? संसद की पवित्रता से समझौता किया गया है। गौरतलब है कि लोकसभा में हंगामे पर स्पीकर ओम बिरला द्वारा कांग्रेस के चार सदस्यों को पूरे सत्र के लिए निलंबित किए जाने के एक दिन बाद यह कार्रवाई सामने आई है। लोकसभा में हंगामे के लिए कांग्रेस सांसद ज्योतिमणी, माणिकम टैगोर, टीएन प्रथापन और राम्या हरिदास को सोमवार को सस्पेंड किया गया था।
सोमवार को विपक्षी सांसदों के लगातार हंगामे के बीच दोपहर 2.30 बजे लोकसभा की कार्यवाही स्थगित करते हुए स्पीकर ओम बिरला ने तख्तियां दिखाने वालों को सदन से बाहर करने के संकेत दिए थे। इसके बाद बिरला के कक्ष में हुई सभी दलों की बैठक हुई जिसमें विपक्षी दलों ने सदन में तख्तियां नहीं दिखाने और हंगामा नहीं करने के लिए स्पीकर बिरला को आश्वस्त किया था। विपक्षी सांसदों ने सदन के सुचारू संचालन में सहयोग को लेकर भी आश्वासन दिया था, इसके बावजूद सदन में तख्तियां लहराई गईं और हंगामा हुआ। इसके बाद स्पीकर बिरला ने कड़ा निर्णय लेते हुए कल चार सांसदों को पूरे सत्र के लिए निलंबित करने का निर्णय लिया था।
गौरतलब है कि बढ़ती महंगाई और जरूरी वस्तुओं पर जीएसटी के मुद्दे तख्तियां और बैनर लेकर हंगामा करने वाले विपक्ष के सांसद मांग कर रहे हैं कि पीएम नरेंद्र मोदी संसद में आएं और इन मु्द्दों पर उनकी बात को सुनें। विपक्ष लगातार महंगाई के मसले पर चर्चा की मांग कर रहा है। संसद के मॉनसून सत्र की शुरुआत 18 जुलाई से हुई है लेकिन विभिन्न मुद्दों पर विपक्ष के हंगामे के कारण कार्यवाही लगातार बाधित हुई है।