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भारत ने जल क्षेत्र में 240 अरब डॉलर निवेश करने का लिया फैसला, भूजल स्तर को बेहतर करने की होगी कोशिश

नई दिल्ली: जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने संयुक्त राष्ट्र को बताया कि भारत ने जल क्षेत्र में 240 अरब डॉलर से अधिक यानी 19 लाख 73 हजार करोड़ से ज्यादा निवेश करने का फैसला लिया है। इसके जरिए भूजल स्तर को बेहतर करने की कोशिश होगी और दुनिया के सबसे बड़े बांध पुनर्वास कार्यक्रम को लागू किया जाएगा। शेखावत ने संयुक्त राष्ट्र जल सम्मेलन 2023 को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने जल सुरक्षा सुनिश्चित करने और सभी के लिए स्वच्छ जल और स्वच्छता के सतत विकास लक्ष्य (एसडीजी) को प्राप्त करने की दिशा में भारत में किए जा रहे महत्वाकांक्षी कार्यक्रमों और प्रयासों पर प्रकाश डाला।

केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा, ‘हमने निजी इनोवेटर्स, स्टार्ट-अप्स और जल-उपयोगकर्ता संघों के साथ साझेदारी में सरकारी संसाधनों के माध्यम से जल क्षेत्र में 240 बिलियन डॉलर से अधिक का निवेश किया है। भारत स्वच्छता और पेयजल तक सार्वभौमिक पहुंच सुनिश्चित करने के लिए दो प्रमुख मिशनों को लागू कर रहा है।’

उन्होंने आगे कहा कि भारत जल भंडारण बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए दुनिया में सबसे बड़ा बांध पुनर्वास कार्यक्रम लागू कर रहा है। शोखावत ने कहा, ‘देश के अनूठे भूगोल के कारण, भारत दुनिया में भूजल के सबसे बड़े उपयोगकर्ताओं में से एक है। हालांकि, आज हम भूजल स्तर को बहाल करने और ग्रामीण जल सुरक्षा योजनाओं के माध्यम से मांग और आपूर्ति पक्ष के हस्तक्षेप को जोड़कर जागरूक समुदाय बनाने का प्रयास कर रहे हैं।’ उन्होंने कहा, ‘जमीनी स्तर पर पानी के उपयोग और संरक्षण पर व्यवहारिक परिवर्तन को बढ़ावा दे रहे हैं।

शेखावत ने यूएन में कहा कि स्वच्छ गंगा या नमामि गंगे के लिए भारत के महत्वाकांक्षी राष्ट्रीय मिशन को हाल ही में मॉन्ट्रियल में आयोजित जैव विविधता सम्मेलन COP15 के संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन द्वारा प्राकृतिक दुनिया को पुनर्जीवित करने के लिए शीर्ष 10 विश्व बहाली फ्लैगशिप में से एक के रूप में मान्यता दी गई है। उन्होंने कहा, ‘इस मिशन ने नदी के पुनर्जीवन, प्रदूषण में कमी, पारिस्थितिक तंत्र के संरक्षण और नदी बेसिन प्रबंधन के समग्र दृष्टिकोण में एक आदर्श बदलाव किया है।’

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