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आनंदीबेन पटेल ने खेल महोत्सव में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले बच्चों को किया सम्मानित

उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने राजभवन में आयोजित दो दिवसीय खेल महोत्सव के रविवार को हुए समापन समारोह में इस प्रतियोगिता में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले बच्चों को सम्मानित किया।

बता दें कि स्वयं सेवी संस्था उम्मीद द्वारा भिक्षावृत्ति छोड़ चुके 500 बच्चों के प्रोत्साहन हेतु ‘भिक्षा से शिक्षा की ओर’ कार्यक्रम के अंतर्गत राजभवन में आयोजित दो दिवसीय खेल महोत्सव का आयोजन किया गया था। इस अवसर पर राज्यपाल ने खेल महोत्सव में खेले गये विभिन्न खेलों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले बच्चों को प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय पुरस्कार प्रदान किया। उन्होंने कहा कि मुझे जो खुशी आज यहां बच्चों को ट्रॉफी देते हुए मिल रही है, वह खुशी मुझे विश्वविद्यालयों में पदक वितरित करते हुए भी नहीं मिलती है।

पढ़ाई से ही जीवन बदलता है

राज्यपाल ने बच्चों को सम्बोधित करते हुए कहा कि जब प्रतियोगिता होती है तो हार -जीत होती रहती है। इसके लिए किसी को निराश होने की जरूरत नहीं है आपको अपना प्रयास यथावत जारी रखना चाहिए। जिस धैर्य से लक्ष्य को ध्यान में रखकर बच्चों ने प्रदर्शन किया, वह अत्यंत सराहनीय है। अगर हम कोई लक्ष्य पाना चाहते हैं तो हमें धैर्य के साथ आगे बढ़ना होगा। उन्होंने बच्चों को कहा कि आप सभी को आपके माता-पिता तथा उम्मीद संस्था के प्रतिनिधियों ने प्रेरित किया और आप आगे बढ़े और पढ़ना लिखना शुरू किया। क्योंकि पढ़ना लिखना ही हमारा लक्ष्य होना चाहिए। पढ़ाई से ही जीवन बदलता है। उन्होंने कहा कि कुदरत ने हमें काफी कुछ दिया है,यह बात हमारे माता-पिता को समझनी चाहिए और बच्चे के अन्दर छिपी प्रतिभा को ध्यान में रखकर उसे आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करना चाहिए।

बच्चों में पढ़ने की आदत डालें: राज्यपाल

इस अवसर पर राज्यपाल ने एशियाई पैरा गैम्स के तीरंदाजी प्रतिस्पर्धा में स्वर्ण पदक जीतने वाली शीतल देवी का उदाहरण देते हुए कहा कि दोनों हाथों से दिव्यांग होने के बावजूद उसने अपने तीरंदाजी के खेल को नहीं छोड़ा और पैरों से तीरंदाजी का अभ्यास कर देश के लिए पदक प्राप्त किया। इसी तरह उन्होंने बच्चों को एकलव्य की प्रेरणादायक कहानी सुनाते हुए कहा कि हमें अपने लक्ष्य को ध्यान में रखकर उसे धैर्यपूर्वक पूरा करने का प्रयास करना चाहिए। राज्यपाल ने संस्था के बच्चों के लिए प्रेरणादायक स्टोरी बुक तथा पठन-पाठन सामग्री का एक सेट भेंट किया तथा वालंटियर्स से अपील की कि वे संस्थान में एक छोटी सी लाइब्रेरी स्थापित करें। बच्चों में पढ़ने की आदत डालें ताकि बच्चे पढ़ते रहें और आगे बढ़ते रहें। समापन से पूर्व आज खेल के दूसरे दिन नौ वर्ष से 16 तक के बच्चों के लिए 100 मीटर दौड़, 20 मीटर मेढक कूद, कबड्डी, रस्साकसी, तथा एक स्थान पर खड़े होकर लम्बी कूद जैसी प्रतियोगिताएं आयोजित की गयीं। राज्यपाल ने बच्चों की कार्य व्यवस्था में लगाये गये सभी वालंटियर्स को भी प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया।

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