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संसद में हुए हमले; विक्की उर्फ जंगली के नाम से गली में थी पहचान

संसद में हुए हमले के बाद सेक्टर सात एक्सटेंशन में रहने वाले विक्की शर्मा और उसकी पत्नी वृंदा शर्मा को दिल्ली पुलिस ने पूछताछ के बृहस्पतिवार की शाम को छोड़ दिया था। रात में वह अपने घर में था, मगर सुबह होने से पहले ही मकान में ताला लगाकर यह परिवार गायब हो गया है। पड़ोसियों को भी इसकी कोई जानकारी नहीं है कि आखिर विक्की का परिवार कब और कहां गया।

जानकारों की माने तो विक्की ने दिल्ली पुलिस की ओर से जांच में पूरा सहयोग किया। गिरफ्तार आरोपियों में उसके सागर से संबंध थे। जिनके आधार पर उनको ठहरने का मौका दिया। उसके परिवार वालों की जानकारी के लिए वह सब किसी प्रदर्शन के लिए दिल्ली जा रहे थे। उन्होंने अपना बैग भी उसके घर पर छोड़ रखा था। वापस आकर उनको अपना बैग भी ले जाना था।

विक्की की ससुराल रोहतक में सैनी कॉलेज के पास है। जहां वह परिवार के साथ जा सकता है। यहां पर गली वालों के ताने और मीडिया कर्मियों की भीड़ से बचने के लिए घर में तला लगा कर गायब हो गया है।

बता दें कि तीन दिन पहले संसद की सुरक्षा व्यवस्था को भेद कर चार युवकों ने हंगामा किया था। जिनके दबोचे जाने के बाद इस बात का खुलासा हुआ था कि सभी लोगों ने रात गुरुग्राम के सेक्टर सात के हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी क 67 नंबर मकान में गुजारी थी। दिल्ली – पुलिस की टीम समय रहते दोनों को यहां से ले गई थी।

पूछताछ के बाद उनको 22 घंटे बाद छोड़ दिया था। एसीपी वरुण दहिया ने बताया कि इस मामले की जांच दिल्ली पुलिस कर रही है। दिल्ली पुलिस की टीम दोनों को लेकर गई थी। उनके वापस आने के बाद बच्ची को माता-पिता को सौंप दिया गया था। वह तीनों परिवार के साथ कहीं पर गए हैं। मामला शांत होने के बाद उनके वापस आने की संभावना है।

जंगली के नाम से गली में थी पहचान

पुलिस को छानबीन के दौरान पता चला कि उसका नाम विशाल उर्फ विक्की है। सोसाइटी के लोग उसे विक्की उर्फ जंगली के नाम से बुलाते थे। वह पहले रिचा ग्लोबल गारमेंट फैक्टरी में काम करता था। इन दिनों बेरोजगार था। कालोनी या जानकार उसे चालक के काम के लिए बाहर जाते समय ले लेते थे। वापस आने  पर उसका दो-चार दिन काम चलता था। पड़ोस के रहने वाले लोग कहते हैं कि उसका आमदनी का कोई साधन नहीं था। लंदन से खर्च आने की बात परिवार के लोग करते थे। जिस कमरे में आरोपी ठहरे थे, वहां से तीन बैग मिले हैं।

नीलम के घर पर जांच एजेंसी ने दी दबिश

उधर, नीलम की मां सरस्वती ने बताया कि गुरुवार रात को 9:30 बजे के आसपास किसी जांच एजेंसी के पांच-छह लोग आए थे, जो पूछ रहे थे कि नीलम का मकान यही है। जो लोग आए, उनमें एक गनमैन और एक पुलिस कर्मचारी थी, जिसने वर्दी पहन रखी थी। मकान के ऊपर वाले जिस कमरे में नीलम रहती थी, उसकी तलाशी ली और अन्य कमरों को भी टीम ने खंगाला।

यह लोग यहां से कोई सामान अपने साथ नहीं ले गए। गांव के सरपंच सोनू ने कहा कि गांव की लाइब्रेरी में नीलम बच्चों को पढ़ाती थी, जो होनहार लड़की है। इस तरह का कदम क्यों उठाया, इस बारे वह लोग नहीं जानते। मंच पर बोलना नीलम को पसंद था। बेरोजगारी के खिलाफ वह अक्सर मंच पर बोलती रहती थी।

दिल्ली नीलम से मिलने गए भाई की नहीं हो पाई मुलाकात

नीलम के भाई रामनिवास अपनी बहन से मिलने शुक्रवार सुबह दिल्ली रवाना हुए। रामनिवास ने फोन पर जानकारी दी कि वह अपनी बहन से मिलने गए थे, लेकिन मुलाकात नहीं हो पाई। संसद में सेंध मामले को लेकर ग्रामीण सोशल मीडिया और टीवी चैनल पर इस मामले को देखते पाए गए। पूरे दिन गांव में इस मामले को लेकर ग्रामीण चर्चा कर रहे थे।

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