उत्तराखंड

दून में तैनात आबकारी इंस्पेक्टर मीरा पाल की बेटी बनीं अफसर, घर पर तैयारी कर मारी बाजी

देहरादून: आबकारी इंस्पेक्टर मीरा पाल की बेटी गीतिका ने पहले ही प्रयास में यूपीएससी में सफलता प्राप्त की है। गीतिका ने 239वीं रैंक हासिल की है। उनकी रुचि इंडियन फॉरेन सर्विस (आईएफएस) में जाने की है। मूलरूप से पिथौरागढ़ के झूलाघाट की निवासी गीतिका परिवार देहरादून के हर्रावाला में रहती है। माँ मीरा पाल बतौर आबकारी इंस्पेक्टर दून वैली डिस्टीलरी में तैनात हैं। 23 वर्षीय गीतिका ने मयूर पब्लिक स्कूल नई दिल्ली से 10 सीजीपीए के साथ दसवीं की। 2016 में ऑल सेंट्स कालेज नैनीताल से 95 प्रतिशत अंकों के साथ 12वीं की। 2020 में एनआईटी कुरुक्षेत्र से सिविल इंजिनियिरिंग की। उनके पिता प्रवीण प्रकाश है और उनका खुद का बिजनेस है। गीतिका ने अपने पहले ही प्रयास में बिना किसी कोचिंग के यह सफलता पाई है। गीतिका ने बताया कि कोविड की वजह से वह कोचिंग अटैंड नहीं कर सकीं। फिर उन्होंने घर पर ही सेल्फ स्टडी का फैसला किया।

मां को ड्यूटी पर मिली बेटी के अफसर बनने की सूचना

सोमवार दोपहर को गीतिका ने माता-पिता को सिविल सेवा में चुने जाने की सूचना दी। उस वक्त माँ ड्यूटी पर कुआंवाला में थीं। पिता भी घर पर नहीं थे। गीतिका को शुरू से ही सिविल सेवा में जाने की इच्छा थी। उनका लक्ष्य साफ था इसलिए वह इस परीक्षा की सधी हुई तैयारी कर सकी। गीतिका की बड़ी बहन प्रणिता भी सिविल सर्विसेज की तैयारी कर रही हैं। छोटी बहन उर्वशी दौलत राम कॉलेज नॉर्थ कैंपस दिल्ली विवि से पॉल्टिकल साइंस में ग्रेजुएशन कर रही हैं। फिलहाल उनका परिवार हर्रावाला में किराये के मकान में रहता है।

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