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शेर-ए-कश्मीर कृषि विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय जम्मू में उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने किया मोबाइल संस्कृत गुरुकुल का शुभारंभ

जम्मू:- शेर-ए-कश्मीर कृषि विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (स्कॉस्ट) जम्मू में मंगलवार को उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने मोबाइल संस्कृत गुरुकुल का शुभारंभ किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि संस्कृत एक भाषा से बढ़कर है। यह हमारे सामाजिक मूल्यों की स्रोत है, जो अनादि काल से मानवता का मार्गदर्शन करती आ रही है। संस्कृत के माध्यम से ऋषियों ने वसुधैव कुटुम्बकम ( सभी विश्व एक परिवार) का संदेश दिया है।

विश्वविद्यालय  में देववाणी संस्कृत पर व्याख्यान, कैलख संस्कृत रत्न पुरस्कार वितरण भी हुआ। उपराज्यपाल ने कहा कि यह संस्थान ट्रस्ट संस्कृत भाषा एवं प्राचीन ऋषियों के संदेश के संरक्षण, विकास एवं प्रचार-प्रसार के सराहनीय कार्य में लगा हुआ है। संस्कृत को लोकप्रिय बनाने के लिए हमें मिलकर काम करना चाहिए।

कार्यक्रम में उप राज्यपाल मनोज सिन्हा और अटल पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर, स्वामी विश्वात्मा नंद सरस्वती महाराज शामिल रहे। बता दें, हाल ही में जम्मू वेयर हाउस को संस्कृत बाजार बनाया गया था। देववाणी संस्कृत के विद्वान डॉ. उत्तम चंद्र पाठक शास्त्री के जन्मशताब्दी के अवसर पर संस्कृत के प्रचार-प्रसार के लिए घर-घर तक संस्कृत को बढ़ावा दिया जा रहा है।

संस्कृत भारती जम्मू कश्मीर ने कामेश्वर मंदिर अखनूर में दो दिवसीय प्रांत संगोष्ठी का आयोजन किया। संगोष्ठी में संस्कृत के प्रचार-प्रसार के लिए विविध योजनाओं पर चर्चा की गई। संगोष्ठी में केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय जम्मू के निदेशक प्रो. मदन मोहन झा ने बताया कि केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय एवं संस्कृत भारती के संयुक्त तत्वावधान से जल्द ही शिक्षक प्रशिक्षक वर्ग का आयोजन किया जाएगा। इसके लिए रूपरेखा तैयार की गई। इसमें कठुआ, सांबा, उधमपुर, जम्मू, डोडा, रामबन, किश्तवाड़, पुंछ, राजोरी, श्रीनगर आदि स्थानों से 60 से अधिक कार्यकर्ताओं ने भाग किया।

संगोष्ठी में मुख्य रूप में बाल केंद्रों की स्थापना, संपूर्ण प्रंत में संस्कृत भाषण शिविरों का अधिक संख्या में आयोजन, शिक्षक प्रशिक्षक वर्ग का आयोजन, गीता कक्षा का आयोजन आदि योजनाओं पर चर्चा की गई। संगोष्ठी में केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, जम्मू विश्वविद्यालय, महिला महाविद्यालय परेड आदि शिक्षण संस्थानों में संस्कृत भारती की समितियों का गठन किया गया। संगोष्ठी में प्रांत अध्यक्ष डॉ. पुरुषोत्तम दुबे और प्रांत मंत्री चंद्र कुमार सहित अन्य पदाधिकारी उपस्थित रहे।

संगोष्ठी के अंतिम सत्र में कार्यकर्ताओं को नए दायित्व दिए गए। इसमें प्रो. श्याम देव मिश्र को प्रांत विद्वत्परिषद का अध्यक्ष, गुरमीत शर्मा को श्रीनगर जिला संयोजक, डॉ. करतार शर्मा को उत्तर कश्मीर विभाग संयोजक, डॉ. नरेंद्र भारती को जम्मू विभाग संयोजक, आशीष शर्मा को प्रांत सह प्रचार प्रमुख, डॉ. उमेश पौडेल को प्रांत महाविद्यालय कार्य प्रमुख, डॉ. तेज नाथ पौडेल को गीता शिक्षण केंद्र प्रमुख, प्रकाश शर्मा राजौरी जिला अध्यक्ष एवं भावना रैना को बाल केंद्र शिक्षिका का दायित्व प्रदान किया गया।

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