मोहन यादव बने मध्य प्रदेश के सीएम, जानिए इनके बारे में…
मध्य प्रदेश में चुनावों के रिजल्ट आने के बाद पिछले एक हफ्ते से चल रहे मुख्यमंत्री के नाम पर सोमवार को विराम लग गया। भारतीय जनता पार्टी के विधायकों की भोपाल में हुई बैठक में उज्जैन साउथ से विधायक मोहन यादव को अपना नेता चुन लिया। मोहन यादव मध्य प्रदेश के नए मुख्यमंत्री होंगे। राजभवन जाकर मोहन यादव ने सरकार बनाने का दावा पेश कर दिया है। राजभवन की ओर से तारीख मिलते ही शपथग्रहण समारोह होगा। माना जा रहा है कि पहले छत्तीसगढ़ फिर मध्य प्रदेश और उसके बाद राजस्थान में शपथग्रहण समारोह हो सकता है।
बता दें कि मोहन यादव इस वक्त राज्य के उज्जैन दक्षिण सीट से विधायक हैं। उन्होंने 2013, 2018 और 2023 में इस सीट से चुनाव जीता है। भाजपा द्वारा बनाए गए इस नए सीएण की पूरे देश में चर्चा हो रही है। दरअसल, मोहन यादव का नाम कहीं भी चर्चा में नहीं था। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद पटेल, नरेंद्र तोमर समेत कई दिग्गजों का नाम सीएम की रेस में आगे चल रहा था। लेकिन अंत में मोहन यादव सभी को पछाड़कर बाजी मार ले गए।
शिवराज ने किया प्रस्ताव
मध्य प्रदेश के नए सीएम मोहन यादव के नाम का प्रस्ताव खुद राज्य के निवर्तमान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने किया। शुरू से ही ऐसी खबरें थी कि भाजपा इस बार शिवराज के बजाय किसी अन्य को मुख्यमंत्री पद पर बैठा सकती है। खुद शिवराज भी कहते थे कि पार्टी उन्हें जो भी काम देगी उसे वह करने के लिए तैयार हैं। माना जा रहा है कि शिवराज सिंह चौहान को अब जल्द ही केंद्र की राजनीति में बुलाया जा सकता है।
संघ के करीबी हैं मोहन यादव
मोहन यादव शिवराज सिंह चौहान की सरकार में उच्च शिक्षा मंत्री का पद संभाल चुके हैं। वह साल 2013 में पहली बार विधायक बन कर आए थे। मोहन यादव एबीवीपी और संघ से जुड़े हुए बताए जा रहे हैं। साल 1984 में मोहन यादव छात्र संघ के अध्यक्ष और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के नगर मंत्री चुने गए थे।
विवादों से भी नाता
मध्य प्रदेश के नए सीएम होने वाले मोहन यादव का विवादों से काफी पुराना नाता रहा है। साल 2020 में उपचुनाव के समय असंयमित भाषा के प्रयोग के कारण चुनाव आयोग ने उनपर एक दिन के लिए प्रचार करने पर प्रतिबंध लगा दिया था। मोहन यादव को मध्य प्रदेश की राजनीति में भाजपा का मजबूत यादव चेहरा माना जाता है।