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राज्य में खेती एवं बागवानी को बंदर पहुंचा रहे नुकसान- सीएम धामी

देहरादून:- मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार को लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासनिक अकादमी मसूरी में सशक्त उत्तराखंड@25 चिंतन शिविर में प्रतिभाग किया। इस दौरान कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल, गणेश जोशी, डॉ. धन सिंह रावत, सुबोध उनियाल, रेखा आर्य, नीति आयोग के उपाध्यक्ष सुमन बेरी, मुख्य सचिव डा एसएस संधु ने प्रतिभाग किया।मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने चिंतन शिविर के तीसरे दिन चर्चा के दौरान कहा कि राज्य में खेती एवं बागवानी को बंदरो द्वारा काफी नुकसान पहुंचाया जा रहा है। जिससे अधिकांश लोग खेती एवं बागवानी में कम रुचि ले रहे हैं। इस वजह से ग्रामीण क्षेत्रों से पलायन भी हो रहा है। इस दिशा में विशेष ध्यान देने की जरूरत है। इसके लिए संबंधित विभागों को भी वन विभाग के साथ समन्वय बनाकर कार्य करने होंगे। वन विभाग, कृषि विभाग एवं उद्यान विभाग द्वारा कार्यशाला का आयोजन कर इस समस्या का समाधान निकाला जाए

वन मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि वन पंचायतों के माध्यम से स्थानीय लोगों को वनों से जोड़ना होगा। इसके लिये वनों के माध्यम से उनकी आजीविका को बढ़ाने के प्रयास करने हैं। कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि आइटीआई में बच्चों को अच्छा प्रशिक्षण मिले, इसके लिए आइटीआई में आवश्यक संसाधनों एवं मैनपावर को बढ़ाने की दिशा में विशेष ध्यान देना होगा। भविष्य की आवश्यकताओं के हिसाब से विश्लेषण कर कार्यों को आगे बढ़ाना होगा। कैबिनेट मंत्री डा धन सिंह रावत ने कहा कि वन डिस्ट्रिक्ट टू प्रोडक्ट को और अधिक प्रमोट करने की जरूरत है। योग के क्षेत्र में भी राज्य में और तेजी से कार्य हों, योग में राज्य में अनेक संभावनाएं हैं, इस दिशा में प्रयास किए जाए।

नीति आयोग के उपाध्यक्ष सुमन बेरी ने कहा कि उनका उत्तराखंड से काफी समय से लगाव रहा है। राज्य के समग्र विकास के लिए हो रहे इस चिंतन शिविर के आने वाले समय में राज्य को अच्छे परिणाम मिलेंगे। नीति आयोग द्वारा राज्य को हर संभव सहयोग दिए जाने के प्रयास किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि उत्पादों की वैल्यू एडिशन, मार्केटिंग एवं ब्रांडिंग की दिशा में विशेष ध्यान देना होगा। अगले 25 साल भारत के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में भारत तेजी से आगे बढ़ रहा है। सशक्त उत्तराखंड@25 चिंतन शिविर के अंतिम दिन आज वन विभाग एवं कौशल विकास के की लघु एवं दीर्घ कालिक योजनाओं पर प्रस्तुतिकरण दिया।

वन विभाग के प्रमुख वन संरक्षक अनूप मालिक द्वारा दिए गए प्रस्तुतिकरण में बताया गया कि किस तरह से विभाग दीर्घ एवं लघु योजनाओं पर काम कर रहा है। प्रकृति आधारित पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए पांच नए डेस्टिनेशन को अगले पांच वर्षों में चयनित एवं विकसित किए जाएंगे। इसी तरह अंतरराष्ट्रीय मार्केटिंग लिंकेज बनाकर 10 नए डेस्टिनेशन को अगले दस वर्ष में विकसित किए जाएंगे। मानव-वन्य जीव संघर्ष को रोकने के लिए स्टेट एक्शन प्लान बनाया जाएगा। साथ ही संवेदनशील इलाकों में रैपिड रेस्पांस टीमों का गठन किया जाएगा, स्टेक होल्डर्स यानि स्थानीय निवासियों को प्रशिक्षित किया जा रहा है। पर्वतीय क्षेत्रों में बंदरों के आतंक को कम करने के लिए बताया गया कि बंदरों को पकड़कर इनकी नसबंदी की जा रही है। वहीं, हाथी एवं बाघ के पारंपरिक गलियारों को रिस्टोर करने के प्रयास किये जा रहे हैं।

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