उत्तराखंड

नैनीताल हाईकोर्ट ने प्रदेश में सड़कों के किनारों से अतिक्रमण हटाने के दिए आदेश

नैनीताल:- हाईकोर्ट ने पूरे प्रदेश में राजमार्गों और सड़कों के किनारों से सरकारी और वन भूमि से अतिक्रमण हटाने के आदेश दिए हैं। अदालत ने सभी जिलाधिकारियों (डीएम) और प्रभागीय वनाधिकारियों (डीएफओ) को क्रियान्वयन की रिपोर्ट चार सप्ताह के भीतर कोर्ट में पेश करने के लिए कहा है। मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी एवं न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। नैनीताल जिले के पदमपुरी और खुटानी में सड़क किनारे सरकारी भूमि पर अतिक्रमण को लेकर प्रभात गांधी ने हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को एक पत्र लिखा था। हाईकोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेते हुए इस पत्र पर जनहित याचिका के रूप में सुनवाई की। पत्र में कहा गया था कि पदमपुरी और खुटानी में राजमार्ग के किनारे सरकारी और वन भूमि पर अतिक्रमण कर दुकानें और व्यावसायिक प्रतिष्ठान बनाए गए हैं। यहां तक कि मंदिर भी बनाए गए हैं।

कोर्ट ने नैनीताल की डीएम वंदना समेत सभी डीएम और डीएफओ को जांच के साथ ही अतिक्रमण हटाने के आदेश दिए हैं। कोर्ट ने अनुपालन रिपोर्ट चार सप्ताह में देने के लिए कहा। कोर्ट में मामले की अगली सुनवाई पांच सितंबर को होगी। हाईकोर्ट ने आईडीपीएल ऋषिकेश के पूर्व कर्मचारियों के आवासों को ध्वस्त करने के राज्य सरकार के आदेश पर रोक लगा दी है। अदालत ने सरकार को चार सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं। न्यायमूर्ति पंकज पुरोहित की एकलपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। गुलशन भनोट व आईडीपीएल के कुछ पूर्व कर्मचारियों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर राज्य सरकार के 19 जुलाई 2023 के आदेश को चुनौती दी थी, जिसमें आईडीपीएल के कर्मचारियों के आवासों को ध्वस्त करने की सूचना दी गई थी।

याचिका में कहा गया कि उन्हें आईडीपीएल की ओर से मकान आवंटित किए गए थे। कंपनी पर अभी भी कई कर्मचारियों के स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना भुगतान सहित वित्तीय देनदारी है। याचिका में कहा गया कि भले ही जमीन पर आईडीपीएल का पट्टा समाप्त हो गया हो लेकिन कंपनी के कर्मचारियों को बुलडोजर का उपयोग करके बलपूर्वक बेदखल नहीं किया जा सकता है। याचिकाकर्ताओं ने कहा कि राज्य सरकार या वन विभाग, जिन्होंने ध्वस्तीकरण का आदेश पारित किया है, उन्होंने कानून की उचित प्रक्रिया नहीं अपनाई है। कोर्ट ने ध्वस्तीकरण के आदेश पर रोक लगाते हुए सरकार को जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं।

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