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नवरात्रि

नवरात्रि: आज से प्रारंभ हो रहे हैं शारदीय नवरात्र, जानिए कलश स्थापना के लाभ और शुभ मुहूर्त शारदीय नवरात्रि 7 अक्टूबर, गुरुवार से प्रारंभ हो रहे हैं। नवरात्रि के पहले दिन यानी प्रतिपदा तिथि में कलश स्थापना या घट स्थापना का महत्व है।

नवरात्रि: हिंदुओं का एक प्रमुख पर्व है। नवरात्रि शब्द एक संस्कृत शब्द है, जिसका अर्थ होता है ‘नौ रातें’। इन नौ रातों और दस दिनों के दौरान, शक्ति / देवी के नौ रूपों की पूजा की जाती है। दसवाँ दिन दशहरा के नाम से प्रसिद्ध है। नवरात्रि वर्ष में चार बार आता है। पौष, चैत्र, आषाढ,अश्विन मास में प्रतिपदा से नवमी तक मनाया जाता है। नवरात्रि के नौ रातों में तीन देवियों – महालक्ष्मी, महासरस्वती या सरस्वती और महाकाली के नौ स्वरुपों की पूजा होती है जिनके नाम और स्थान क्रमशः इस प्रकार है नंदा देवी योगमाया(विंध्यवासिनी शक्तिपीठ), रक्तदंतिका(सथूर),शाकम्भरी(सहारनपुर शक्तिपीठ), दुर्गा(काशी),भीमा(पिंजौर) और भ्रामरी(भ्रमराम्बा शक्तिपीठ) नवदुर्गा कहते हैं। नवरात्रि एक महत्वपूर्ण प्रमुख त्योहार है जिसे पूरे भारत में महान उत्साह के साथ मनाया जाता है।

• शैलपुत्री – इसका अर्थ- पहाड़ों की पुत्री होता है।
• ब्रह्मचारिणी – इसका अर्थ- ब्रह्मचारीणी।
• चंद्रघंटा – इसका अर्थ- चाँद की तरह चमकने वाली।
• कूष्माण्डा – इसका अर्थ- पूरा जगत उनके पैर में है।
• स्कंदमाता – इसका अर्थ- कार्तिक स्वामी की माता।
• कात्यायनी – इसका अर्थ- कात्यायन आश्रम में जन्मि।
• कालरात्रि – इसका अर्थ- काल का नाश करने वली।
• महागौरी – इसका अर्थ- सफेद रंग वाली मां।
• सिद्धिदात्री – इसका अर्थ- सर्व सिद्धि देने वाली।

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