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विद्यालयों की वास्तविक स्थिति का मूल्यांकन करेंगे अधिकारी, आवासीय विद्यालयों के लिये बनेगी पृथक नियमावली

देहरादून:-  सूबे में शिक्षा व्यवस्था में सुधार लाने के दृष्टि से स्कूलों की वास्तविक स्थिति का पता लगाने के लिये विभागीय उच्चाधिकारियों को विद्यालयों में जाकर मूल्यांकन करने के निर्देश दिये गये हैं। सभी अधिकारियों को एक माह में 5-5 विद्यालयों में जाकर शिक्षकों, अभिभावकों एवं छात्र-छात्राओं से संवाद स्थापित करना होगा। राज्य में राजीव नवोदय विद्यालय सहित अन्य आवासीय विद्यालयों के लिए अलग नियमावली एवं पृथक कैडर तैयार करने के निर्देश भी अधिकारियों को दिये गये।

स्कूलों में मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने एवं निर्माणाधीन विद्यालय भवनों को शीघ्र पूरा करने को कहा गया है। खण्ड शिक्षा अधिकारी व प्रधानाचार्यों के रिक्त पदों को भरने के प्रक्रिया में तेजी लाने के निर्देश दिये गये।

विद्यालयी शिक्षा मंत्री डॉ0 धन सिंह रावत ने आज शिक्षा निदेशालय में विभाग की समीक्षा बैठक ली। जिसमें अधिकारियों को लम्बे समय से रिक्त खण्ड शिक्षा अधिकारी एवं प्रधानाचार्य के पदों को प्रोन्नति के आधार पर भरे जाने की प्रक्रिया में तेजी लाने के निर्देश दिये गये।

विद्यालयों में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाने की दृष्टि से जिले से लेकर शासन स्तर के अधिकारियों को प्रत्येक माह 5-5 विद्यालयों में जाकर छात्रों, शिक्षकों एवं अभिभावकों से संवाद स्थापित करने को कहा गया है। राज्य में संचालित सभी आवासीय विद्यालयों के लिए पृथक नियमावली एवं कैडर बनाने के भी निर्देश दिये गये हैं। विभिन्न विद्यालयों में निर्माणधीन भवनों को शीघ्र पूर्ण करने को कहा गया है। इसके अलावा एलटी शिक्षकों की पदोन्नति समय पर करने के निर्देश बैठक में दिये गये।

विद्यालयों में रिक्त चतुर्थ श्रेणी के पदों को आउटसोर्स के माध्यम से भरने हेतु प्रक्रिया शुरू करने को कहा। बैठक में नई शिक्षा नीति लागू करने संबंधी तैयारियों की समीक्षा करते हुए विभागीय मंत्री ने कहा कि संबंधित पाठ्यक्रम के सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए अंतिम रूप देना सुनिश्चित करें।

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