यूक्रेन में फंसे भारतीयों की मदद के लिए ‘ऑपरेशन गंगा’?
रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध के बीच सबसे बड़ी चिंता भारतीयों को वहां से निकालने की है। भारत सरकार ने यूक्रेन में फंसे भारतीयों को एयरलिफ्ट करने के लिए मिशन लॉन्च किया है। इसे ‘ऑपरेशन गंगा’ नाम दिया गया है। विदेश सचिव हर्ष श्रृंगला के अनुसार, बचाव अभियान पर जो भी खर्च आएगा, वह भारत सरकार वहन करेगी। चूंकि यूक्रेन का एयरस्पेस बंद है इसलिए पड़ोसी पोलैंड, रोमानिया, हंगरी और स्लोवाकिया से फ्लाइट्स चलाई जा रही हैं। यूक्रेन के साथ लगते इन देशों के बॉर्डर्स पर कैम्प लगाए गए हैं। विदेश मंत्रालय ने 24×7 हेल्पलाइन भी लॉन्च की है। इन सबके बीच एक सवाल जो जेहन में आता है, वह यह कि सरकार ने इस मिशन को ‘ऑपरेशन गंगा’ नाम क्यों दिया है?
जैसे मां अपने बच्चों को मुसीबत में नहीं छोड़ती, वैसे ही…
2015 में यमन के भीतर संघर्ष शुरू हुआ तो ‘ऑपरेशन राहत’ चलाया गया। 2015 नेपाल भूकंप के बाद भारत ने मदद के लिए ‘ऑपरेशन मैत्री’ चलाया। कोविड महामारी की शुरुआत में विदेश में फंसे नागरिकों को लाने के लिए ‘वंदे भारत मिशन’ शुरू किया गया था। अब यूक्रेन संकट के समय ‘ऑपरेशन गंगा’ लॉन्च हुआ है। सरकार ने यही नाम क्यों चुना? इसका संकेत रेल मंत्री पीयूष गोयल के एक ट्वीट से मिलता है।जब यूक्रेन से भारतीय छात्रों को लेकर पहली फ्लाइट दिल्ली पहुंची तो अगवानी के लिए गोयल खुद मौजूद थे। उन्होंने तस्वीरें ट्वीट करते हुए लिखा, ‘मां अपने बच्चों को संकट में कभी नहीं छोड़ती।’
यूक्रेन में फंसे ज्यादातर भारतीय वहां पढ़ाई करने गए थे। गंगा को भारत में मां का दर्जा मिला हुआ है। ‘ऑपरेशन गंगा’ नाम देकर सरकार यह जाहिर करना चाहती है कि भारतीय कहीं भी फंसे हों, उनकी मातृभूमि उन्हें अकेला नहीं छोड़ेगी। कुछ ऐसा ही संदेश सुषमा स्वराज के समय दिया गया था। एक वक्त सुषमा ने मदद की गुहार लगाने वाले से कहा था कि अगर आप मंगल ग्रह पर भी फंसे होंगे तो भारतीय दूतावास आपकी मदद करेगा।
मिशन का नाम ‘ऑपरेशन गंगा’ क्यों?
वन्दे मातरम 🇮🇳
The mother never leaves her children in peril. The first batch of evacuees return home to safety from Ukraine.#OperationGanga pic.twitter.com/mNLkXw3rMn
— Piyush Goyal (@PiyushGoyal) February 26, 2022
कहाँ पे मिलेगी मदद ??
ऑपरेशन गंगा : यहां मिलेगी मदद
यूक्रेन से जिस सीमा से आएंगे उनके हेल्पलाइप नंबर इस तरह हैं
पोलैंड
+48225400000
+48795850877
+48792712511
Email: situationroom@mea.gov.in
रोमानिया
+40 732 124 309
+40 771 632 567
+40 745 161 631
+40 741 528 123
controlroombucharest@gmail.com
हंगरी
+36 308517373
+36 13257742
+36 13257743
वॉट्सऐप ( WHATSAPP) +36 308517373
स्लावैक रिपब्लिक
+421 252631377
+421 252962916
+421 951697560
ऑपरेशन गंगा के बारे में कोई भी अपडेट या जानकारी के लिए एक अलग से टि्वटर अकाउंट खोला गया है- @opganga
– दिल्ली में 24 घंटे कंट्रोल रूम खुला रहेगा
1800118797 (Toll free)
+91 1123012113
+91 1123014104
+91 1123017905
फैक्स (FAX)- +91 11 23088124
ईमेल(EMAIL) – situationroom@mea.gov.in
यूक्रेन से लौटे स्टूडेंट्स के लिए एयरपोर्ट पर अलग रास्ता
यूक्रेन में फंसे भारतीय स्टूडेंट्स को एयरपोर्ट्स से बाहर निकालने के लिए ‘स्पेशल ग्रीन कॉरिडोर’ का इंतजाम किया गया है। दिल्ली, मुंबई एयरपोर्ट पर ऐसी व्यवस्था है। स्टूडेंट्सकी इमिग्रेशन और कस्टम जांच के लिए भी अलग सिस्टम बनाया गया है। इमिग्रेशन जोन के अलग काउंटरों पर यूक्रेन से आए स्टूडेंट्स की क्लीयरेंस कराई जा रही है। कस्टम जांच में भी इन्हें ग्रीन चैनल से आसानी से बाहर निकलने दिया जा रहा है। ध्यान रखा जा रहा है कि इन स्टूडेंट्स की आड़ में कोई स्मगलर कस्टम का ग्रीन चैनल पार करने में कामयाब ना हो जाए।
इस ट्विटर हैंडल से मिलेगी सारी मदद
A dedicated Twitter handle has been set up to assist in the evacuation of Indians from Ukraine ➡️ OpGanga Helpline.
Please direct all related queries to @opganga.
— Arindam Bagchi (@MEAIndia) February 27, 2022
यूक्रेन में फंसे भारतीयों को सरकार की सलाह
सरकार ने भारतीय नागरिकों को सलाह दी है कि वे पश्चिमी यूक्रेन में उजहोरोड, स्लोवाकिया की सीमा पर और हंगरी के साथ सीमा के पास पश्चिम की ओर बढ़ें और वहां से वे रोमानिया की राजधानी बुखारेस्ट तक पहुंचने के लिए एक ट्रेन ले सकते हैं और वहां से उन्हें एयरलिफ्ट किया जाएगा।
ऑपरेशन गंगा पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने क्या कहा?
ऑपरेशन गंगा चलाकर हम यूक्रेन से हजारों भारतीयों को वापस ला रहे हैं। हमारे जो बेटे-बेटी अभी भी वहां हैं उन्हें पूरी सुरक्षा के साथ अपने घर पहुंचाने के लिए सरकार दिन-रात काम कर रही है।
‘ऑपरेशन गंगा’ पर पीएम मोदी की बैठक
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार की शाम यूक्रेन से भारतीय नागरिकों को निकालकर लाए जाने में प्रगति की समीक्षा के लिए एक उच्चस्तरीय बैठक की। बैठक में विदेश मंत्री एस. जयशंकर और विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला और अन्य मौजूद थे। प्रधानमंत्री को बताया गया कि 1,000 से अधिक छात्र विभिन्न उड़ानों से लौट आए हैं। सूत्रों के अनुसार, बैठक में यह निर्णय लिया गया है कि केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी, ज्योतिरादित्य सिंधिया, किरेन रिजुजू और जनरल वी के सिंह यूक्रेन के पड़ोसी देश पोलैंड, हंगरी, स्लोवाकिया और रोमानिया जाएंगे।